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खाद उत्पादन के अतिरिक्त मल्टीएक्टिविटी के रूप में आजीवविका गतिविधियों का भी हो रहा संचालन

jantaserishta.com
25 May 2023 2:40 AM GMT
खाद उत्पादन के अतिरिक्त मल्टीएक्टिविटी के रूप में आजीवविका गतिविधियों का भी हो रहा संचालन
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नारायणपुर: राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी सबसे महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत् गांवो में स्थापित गौठान ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को रोजगार उपलब्ध करा रहे है। नारायणपुर जिले में संचालित गौठानों में आर्थिक गतिविधियांे का संचालन किया जा रहा है। इनमें नारायणपुर विकासखण्ड के ग्राम कोचवाही में स्थापित गौठान आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप् में उभर कर सामने आया है। इस गौठान में अलग अलग तरह की आर्थिक गतिविधियों का संचालन महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। इससे एक ओर जहां महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि संचालित होने से एक अलग परिदृश्य सामने आ रहा है। यह गौठान अपनी विभिन्न आर्थिक गतिविधियांे के कारण जिले में सबसे महत्वपूर्ण गौठान बन गया है।
जिला अंतर्गत उत्कृष्ट गोठान कोचवाही गोठान में खाद उत्पादन के अतिरिक्त मल्टीएक्टिविटी के रूप में आजीवविका गतिविधियों का भी संचालन किया जा रहा है। इन गतिविधियों में मुख्य रूप से गोबर पेंट इकाई, डेयरी इकाई, लेयर मुर्गी पालन एवं अण्डा उत्पादन, पेवर ब्लॉक, सीमेंट पोल, चैनलिंक निर्माण भी किया जाता है। यहां खाद्य प्रसंस्करण अंतर्गत महुआ एवं कोदो कुटकी बिस्किट का निर्माण, मशरूम उत्पादन, मशरूम स्पान, मछली पालन, फलदार पौधे तथा सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन का कार्य सुचारू रूप से हो रहा है। कोचवाही गोठान में स्व सहायता समूह मॉ भवानी स्व-सहायता समूह, शीतला स्व-सहायता समूह, मॉ जगदम्बा स्व-सहायता समूह, मावली माता स्व-सहायता समूह, मॉ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह, मॉ सरस्वती स्व-सहायता समूह, गायत्री स्व-सहायता समूह तथा विकास महिला ग्राम संगठन के 77 महिलाये कार्यरत है। इन स्व सहायता समूहों द्वारा 30 लाख रूपये की आय अर्जित की गई है। इस गौठान में मल्टीएक्टीविटी के अलावा स्व-सहायता समूहों द्वारा खाद का भी उत्पादन किया जा रहा है। इस खाद के विक्रय से 1 लाख 35 हजार रूपये का लाभ अर्जित हुआ है। इसके अलावा इस गौठान में सब्जी उत्पादन के लिए ड्रीप सिंचाई का प्रबंध किया गया है।
इस मल्टीएक्टीविटी केन्द्र में गोबर पेंट, पेवर ब्लॉक, चैंनलिंक का विक्रय समस्त शासकीय विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायत के निर्माण कार्यो में भी किया जा रहा है। जिले की निर्माण ऐजेंसियों द्वारा भवन निर्माण के पंेट के लिए यहां निर्मित प्राकृतिक पेंट का उपयोग हो रहा है। मावली के नाम से बिकने वाले महुआ बिस्किट, महुआ लड्डू का विक्रय सी -मार्ट, स्थानीय बाजार के साथ साथ अन्य जिलों तक सप्लाई का कार्य किया जा रहा है। समूहों द्वारा अण्डा उत्पादन कर आंगनबाड़ी केन्द्रो एवं छात्रावास में सी-मार्ट के माध्यम से तथा स्थानीय बाजार में मांग के आधार पर विक्रय किया जा रहा है। अण्डा उत्पादन का उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए विशेश रूप से किया जा रहा है, जहां कुपोशण को दूर करने में मदद मिल रही है। इसके अलावा कोचवाही गोठान में समय-समय पर पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन कर टीकाकरण, उपचार, कृमिनाशक दवापान, बधियाकरण, कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से पशु संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है।
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