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एग्री ड्रोन तकनीक के माध्यम से महज बीस मिनट में 20 लीटर पानी में मिला कर एक एकड़ खेत में दवा या कीटनाशनक का छिड़काव कर सकते हैं. जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से एक एकड़ में छिड़काव करने के लिए 400-500 लीटर पानी की जरूरत होती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- आज के डिजिटल युग में खेती भी आधुनिक होती जा रही है. इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को यह मिलता है कि उनके समय में बचत होती है और पैदावार भी अच्छी होती है. आधुनिक युग का एक और मशीन है ड्रोन, जिसका इस्तेमाल कई कार्यों में किया जाता है जैसे फोटो खींचने, जमीन मापने, कम वजन के समान को एक जगह से लेकर दूसरे जगह में पहुंचाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. यह एक उपकरण है जो रिमोट के सहारे ऊंचाई पर उड़ सकता है और कुछ दूरी भी तय कर सकता है. ड्रोन की इसी खासियत के कारण अब इसका इस्तेमाल कृषि कार्यों में भी होने लगा है.
गौरतलब है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिक किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई-नई तकनीक विकसित कर उसपर काम कर रहे हैं ताकि किसानों की खेती की लागत में कमी आये और उनका उत्पादन बढ़ सके. छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र सुरगी राजनांदगांव में एक ऐसी ही नयी तकनीक "एग्री-ड्रोन का प्रयोग किया गया. यहां पर एग्री ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया के छिड़काव तकनीक का प्रदर्शन किया गया.
किसानों की आय को बढ़ाने के लिये इस योजना के तहत किसानों को उन्नत तकनीकों की जानकारी समय-समय पर दी जाती है. डीबीटी बायोटेक किसान हब के तहत इन किसानों को उन्नत तकनीक से खेती करने के तर्ज पर ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन अम्बागढ़ चौकी विकासखंड के पांच ग्राम सोनसायटोला, मांगाटोला, कौडूटोला, भड्सेना एवं सेम्हरबन्धा के किसानों के लिये किया गया.
क्या है एग्री ड्रोन तकनीक
एग्री ड्रोन तकनीक भविष्य की खेती का एक ऐसा चेहरा है जिससे खेती में किसान की मेहनत और लागत दोनों की कम हो जाएगी. एग्री ड्रोन तकनीक के माध्यम से महज बीस मिनट में 20 लीटर पानी में मिला कर एक एकड़ खेत में दवा या कीटनाशनक का छिड़काव कर सकते हैं. जबकि हस्त चलित स्प्रे पंप से एक एकड़ में छिड़काव करने के लिए 400-500 लीटर पानी की जरूरत होती है. साथ ही इतने बड़े क्षेत्रफल में छिड़काल करने के लिए दो मजदूर दिन भर काम करते हैं.
इस नयी एग्री ड्रोन तकनीक द्वारा नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रदर्शन कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रक्षेत्र में लगे धान फसल में किया गया. यह एग्री ड्रोन बैट्री चलित है इसकी बैटरी बिजली से चार्ज होती है. बैटरी को चार्ज करने में 20 मिनट का समय लगता है. इस ड्रोन की कीमत 6 लाख 50 हजार रूपए है.
इस एग्री ड्रोन के द्वारा सभी प्रकार के उर्वरक, कीटनाशक, फफूंद नाशक एवं रसायनों का छिड़काव किया जा सकता है. एग्री ड्रोन को किराये पर लेने के लिए 400 रुपये प्रति एकड़ की दर से पैसे देने होंगे. एग्री ड्रोन तमिलनाडु की कंपनी गरूड़ा ऐरो स्पेस द्वारा विकसित एग्री ड्रोन तकनीक विकसित की है . एग्री ड्रोन का कंपनी द्वारा प्रति एकड़ 400 रूपए किराया निर्धारित किया है. इस एग्री ड्रोन तकनीक की राजनांदगांव जिले के किसानों ने खूब सराहना की और कहा कि वो भविष्य में इस तकनीक का इस्तेमाल जरुर करेंगे.
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