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गुरुग्राम और दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में 2018 के बाद आवासीय जमीन की कीमतों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रियल्टी सेक्टर में निवेश करने की योजना है लेकिन समझ नहीं पा रहे हैं कि फ्लैट लें या फिर रेजीडेंशियल प्लॉट (Residential plot) तो हाउसिंग डॉट कॉम की ये रिपोर्ट आपके सवाल का जवाब दे सकती है. रिपोर्ट के माने तो पिछले कुछ सालो में प्लॉट में पैसा लगाना निवेश के हिसाब से फायदे का ज्यादा बड़ा सौदा (return in Residential plot) साबित हुआ है. रिपोर्ट मे देश के आठ बड़े शहरों को शामिल किया गया है और इसमें साल 2015 से कीमतों में आये बदलावों को शामिल किया गया है. अगर आप भी निवेश (investment) का विकल्प देख रहे हैं तो पढ़ें इस रिपोर्ट को
कहां मिला कितना रिटर्न
मकान, जमीन आदि के बारे में जानकारी देने वाली हाउसिंग डॉटकॉम के अनुसार, रिहायशी भूखंडों की कीमतों में 2015 से सालाना औसतन सात प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि के दौरान अपार्टमेंट में सालाना दो प्रतिशत की ही वृद्धि हुई है आरईए इंडिया के स्वामित्व वाली इकाई हाउसिंग डॉटकॉम ने एक बयान में कहा, ''देश में निवेश के लिहाज से रिहायशी भूखंड अपार्टमेंट खरीदने से बेहतर है, भूखंडों से रिटर्न 2015 से अपार्टमेंट के मुकाबले अधिक है।''इस रिपोर्ट में जिन आठ शहरों को शामिल किया गया है, वे हैं …राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद. खास बात ये है कि इस अवधि में कोरोना महामारी का असर भी देखने को मिला है. माना जा रहा है कि स्थिति सामान्य होती तो रिटर्न भी बेहतर होता.
क्यों बेहतर है प्लॉट में निवेश
हाउसिंग डॉटकॉम, मकान डॉटकॉम एवं प्रॉपटाइगर डॉटकॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने कहा, ''रिहायशी भूखंड से निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिला है। इसका एक कारण बड़े शहरों में बड़े भूखंडों की कमी से जमीन की सीमित आपूर्ति हो सकती है.'' उन्होंने कहा, ''कोविड-19 महामारी के दौरान जमीन और स्वतंत्र मंजिल (इंडिपेंडेंट फ्लोर) पर बने मकानों की मांग में जोरदार इजाफा हुआ है. कंपनियां बड़े शहरों के बाहरी क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं को शुरू कर इस मांग में आई वृद्धि को पूरा करने की कोशिश कर रही हैं.''
बेहतर रिटर्न के बावजूद फ्लैट पहली पसंद
हाउसिंग डॉटकॉम ने यह भी कहा कि इन आठ शहरों में लोग आवासीय भूखंड लेने के बजाय अपार्टमेंट खरीदने को तरजीह दे रहे हैं. फ्लैट पसंद करने के पीछे सुरक्षा और वैकल्पिक बिजली की बेहतर व्यवस्था, कार पार्किंग, क्लब, जिम, स्विमिंग पूल तथा गार्डन एरिया सहित अन्य सुविधाएं प्रमुख कारण हैं. इसके साथ ही प्लॉट की ऊंची कीमतें भी एक वजह है हाउसिंग डॉटकॉम की शोध प्रमुख अंकिता सूद ने कहा, ''गुरुग्राम के प्रमुख इलाकों और दक्षिण भारत के प्रमुख बड़े शहरों हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में विशेष रूप से 2018 के बाद आवासीय जमीन की कीमतों में दहाई अंक में वृद्धि हुई है। इन शहरों में जमीन की कीमतें 13-21 प्रतिशत की दर में बढ़ी हैं, वहीं पिछले तीन साल में अपार्टमेंट की कीमतों में वृद्धि 2-6 प्रतिशत के दायरे में बनी हुई हैं।''
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