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महंगाई बढ़ने की आशंका पर सेविंग्स के लिए क्या करते हैं लोग
Bhumika Sahu
12 Jan 2022 4:05 AM GMT
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महंगाई बढ़ने की आशंका से परिवारों द्वारा बैंक जमा के रूप में अपने बचत 'पोर्टफोलियो' में बदलाव किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महंगाई बढ़ने की आशंका से परिवारों द्वारा बैंक जमा के रूप में अपने बचत 'पोर्टफोलियो' में बदलाव किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। । 'भारत में परिवारों की मुद्रास्फीति को लेकर उम्मीद पर संज्ञान' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति यानी महंगाई को लेकर सोच परिवार के खर्च करने के व्यवहार और उसके चलते बचत के तरीकों को निर्धारित करती है।
इस अध्ययन रिपोर्ट को आरबीआई के देवेन्द्र प्रताप सिंह, आदित्य मिश्रा और पूर्णिमा शॉ ने लिखा है। इसमें कही गयी बातें लेखक के अपने विचार हैं न कि आरबीआई के। इसमें लिखा गया है, ''हमने पाया कि परिवारों की महंगाई को लेकर सोच उनकी बचत के तौर-तरीकों को प्रभावित करती है। बैंक सावधि जमा पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। यानी जब वे सोचते हैं कि मुद्रास्फीति बढ़ेगी, तो जमा के रूप में बैंक सावधि जमा के लिए वे कम तरजीह देते हैं।''
लेखकों का कहना है कि खासकर विकासशील अर्थव्यवस्था के मामले में परिवारों के लिए यह वांछनीय है कि वे बांड या इक्विटी में निवेश करें, जिसे आगे उत्पादन बढ़ाने वाली गतिविधियों में उपयोग किया जा सके। हालांकि, कॉरपोरेट बांड बाजार का विकास अभी शुरुआती चरण में है और इक्विटी यानी शेयर बाजार को लेकर जागरूकता कम है, ऐसे में ज्यादातर भारतीय परिवारों के लिए प्रमुख वित्तीय उत्पाद बैंक जमा है।
इसमें कहा गया है कि अगर परिवारों को लगता है कि मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति बढ़ेगी और उन्हें वास्तविक ब्याज दर कम होने से थोड़े ही रिटर्न की उम्मीद है, ऐसे में उनके लिए सावधि जमा के मुकाबले आभूषण जैसी मूल्यवान धातुओं में निवेश महत्वपूर्ण हो जाता है।
Bhumika Sahu
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