व्यापार

इस साल MSP पर धान खरीद से 129 लाख किसानों को मिला लाभ

Admin4
24 Aug 2021 5:16 PM GMT
इस साल MSP पर धान खरीद से 129 लाख किसानों को मिला लाभ
x
23 अगस्त तक 873.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा जा चुका है. इसमें खरीफ फसल का 707.69 लाख मीट्रिक टन और रबी का 165.99 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- धान की खरीद (Paddy Procurement) खरीफ मार्केटिंग सीजन (KMS) 2019-20 में पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन को पार करते हुए अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है. लगभग 129.03 लाख किसान मौजूदा सीजन में एमएसपी (MSP) मूल्यों पर हुए खरीद कार्यों से लाभान्वित हो चुके हैं. इसके बदले उन्हें 1,64,951.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. उपभोक्‍ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.

मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान खरीफ 2020-21 में धान की खरीद इसकी बिक्री वाले राज्यों में सुचारू रूप से जारी है. 23 अगस्त तक 873.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदा जा चुका है. इसमें खरीफ फसल का 707.69 लाख मीट्रिक टन और रबी का 165.99 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है. जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 763.01 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था.
गेहूं की खरीद पूरी
गेहूं की खरीद (Wheat Procurement) का कार्य वर्तमान रबी मार्केटिंग सीजन (RMS) 2021-22 के लिए इसकी खरीद वाले राज्यों में पूरा हो चुका है. 18 अगस्त तक 433.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी. जो कि अब तक की खरीद का सबसे उच्चतम स्तर है. क्योंकि इसने आरएमएस 2020-21 के पिछले उच्च स्तर 389.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के आंकड़े को पार कर लिया है.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद से 49.20 लाख किसान किसानों को लाभ पहुंचा है. उन्हें इसके बदले 85603.57 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. ज्यादातर किसानों को इस बार सरकार ने सीधे उनके बैंक अकाउंट में पैसा भेजा है.
दलहन, तिलहन की कितनी खरीद
मंत्रालय के मुताबिक तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से दलहन (Pulse) और तिलहन (Oilseeds) खरीद का प्रस्ताव मिला था. जिसके तहत खरीफ मार्केटिंग सीजन 2020-21, रबी मार्केटिंग सीजन 2021 व ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत 109.58 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को मंजूरी प्रदान दी गई.
खोपरा खरीद को मंजूरी
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) खरीदने के लिए मंजूरी दी गई थी. यदि अधिसूचित फसल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की खरीद एजेंसियों के जरिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों को मूल्य समर्थन योजना के तहत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी. ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके.
मूंग, उड़द और अरहर की खरीद
खरीफ 2020-21, रबी 2021 तथा ग्रीष्म सीजन 2021 के तहत 23 अगस्त तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 11,91,926.47 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है.
इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 6,96,803 किसानों को 6,686.59 करोड़ रुपये की आय हुई है. इसमें ग्रीष्म सत्र की 1,00,000 मीट्रिक टन मूंग भी शामिल है, जिसकी खरीद मूल्य स्थिरीकरण निधि योजना के तहत मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रगति पर है.
खोपरा खरीद से कितने किसानों को लाभ?
इसी तरह से, फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है. इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है. मार्केटिंग सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51000 मीट्रिक टन खोपरा खरीदने की मंजूरी दी जा चुकी है. यही नहीं 23 अगस्त तक तमिलनाडु में 36 किसानों को लाभान्वित करते हुए 0.09 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य वाले 8.30 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद की गई है.


Next Story