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त्योहारी सीजन में आम लोगों के लिए राहत की खबर है. केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए कदमों का असर महंगाई पर पड़ रहा है. सरसों तेल और रिफाइंड तेल के बाद अब दालों की कीमत में भी थोड़ी नरमी देखी जा रही है। हाल ही में कीमत आसमान पर पहुंचने लगी थी.
मंडियों में दालों की मांग में नरमीबढ़ती दालों की कीमत ,आई थोड़ी कमी सरकार, किया यह ऐलान,Prices of pulses are increasing, there is a slight decrease, government announced this,
दरअसल, केंद्र सरकार ने हाल ही में दालों समेत रसोई के सामानों की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस कदम से दाल-दलहन की कीमत पर असर पड़ा है. साथ ही दालों की मांग में भी गिरावट आई है और इस वजह से दालों के साथ-साथ दालों की कीमतों में भी नरमी देखी जा रही है. अनाज मंडियों में दालों की मांग न होने से मूंग, अरहर और उड़द की कीमतों में हल्की गिरावट आई है. हालांकि, खुदरा में अभी भी उड़द दाल 100 से 120 रुपये, मूंग दाल 120 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. वहीं अरहर की दाल सबसे महंगी है और 160 से 200 रुपये प्रति किलो बिक रही है.
कीमत पर मांग का प्रभाव
चना 6350 से 6400 रुपये पर खुलने के बाद गिरकर 6300 से 6350 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। वहीं मूंग 9100 से 9900 रुपये के बीच खुलने के बाद 7500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई, हालांकि बाद में यह 8800 से 9700 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई।तुअर 9500 से 12,000 रुपये प्रति क्विंटल पर खुलने के बाद 9500 से 11,900 रुपये पर रही। जबकि उड़द 9,000 से 9,300 रुपये प्रति क्विंटल पर खुलने के बाद 9,000 से 9,200 रुपये पर आ गया। जबकि मसूर दाल 6300 से 6350 रुपये पर खुलकर 6250 से 6300 रुपये पर बंद हुई।
सरकार ने स्टॉक सीमा की समयसीमा बढ़ा दी
किराना सामान की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने और रसोई को महंगाई की मार से बचाने के लिए सरकार स्टॉक लिमिट फॉर्मूला अपना रही है, इसका असर भी दिखने लगा है। केंद्र सरकार ने तुअर दाल और उड़द दाल की स्टॉक सीमा की समय सीमा 30 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने थोक विक्रेताओं और बड़ी चेन खुदरा विक्रेताओं के लिए भी सीमा कम कर दी है।
जमाखोरों पर सरकार की नजर
सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 50 टन, बड़े चेन खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 50 टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 टन तक बढ़ा दी है। दरअसल, जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने इस साल 2 जनवरी को तुअर और उड़द पर स्टॉक लिमिट लगा दी थी. साथ ही जमाखोरों पर भी सरकार लगातार नजर बनाए हुए है.
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