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दुनियाभर में बेरोजगारों की संख्या 20.7 करोड़ 2023 तक बना रहेगा यह हाल

Teja
21 Jan 2022 6:55 AM GMT
दुनियाभर में बेरोजगारों की संख्या 20.7 करोड़ 2023 तक बना रहेगा यह हाल
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ILO की वैश्विक रोजगार और सामाजिक परिदृश्य रुझान रिपोर्ट- 2022 में कहा गया है कि वैश्विक श्रम बाजारों पर महामारी का असर जारी है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | वैश्विक स्तर पर बेरोजगारों (Unemployment) की संख्या कम से कम 2023 तक कोविड-पूर्व के स्तर से ऊपर रहेगी. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organisation) की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल यानी 2022 में दुनियाभर में बेरोजगारों की संख्या 20.7 करोड़ रहेगी. यह 2019 की तुलना में 2.1 करोड़ अधिक है. जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एजेंसी ने 2022 में श्रम बाजार में पुनरुद्धार के अपने पूर्वानुमान को नीचे किया है. आईएलओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर कार्य के घंटों में गिरावट 2019 की चौथी तिमाही की तुलना में 5.2 करोड़ पूर्ण रोजगार जितनी रहेगी. मई, 2021 में यह कमी 2.6 करोड़ पूर्ण रोजगार के बराबर रहने का अनुमान लगाया गया था.

आईएलओ की वैश्विक रोजगार और सामाजिक परिदृश्य रुझान रिपोर्ट- 2022 में कहा गया है कि वैश्विक श्रम बाजारों पर महामारी का असर जारी है. रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक बेरोजगारी कम से कम 2023 तक कोविड-पूर्व के स्तर से ऊपर रहेगी. ILO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में ग्लोबल स्तर पर बेरोजगारों की संख्या 207 मिलियन रहेगी, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 186 मिलियन था.
जमीनी हकीकत और खराब
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना के कारण लेबर मार्केट को लेकर तमाम रिपोर्ट सच्चाई से दूर है. इस महामारी के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने लेबर फोर्स छोड़ दिया. ये लोग आंकड़ों में शामिल नहीं हैं. कोरोना की दूसरी और अब तीसरी लहर से लेबर मार्केट का सेंटिमेंट कमजोर हुआ है. लोगों के मन में डर बना हुआ है. महामारी का भविष्य में क्या रूप होगा वे इससे डरे हुए हैं.
EPFO में 13.95 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़े
इधर कोरोना की तीसरी लहर के बीच देश में रोजगार (Employment) के मोर्चे पर एक अच्छी खबर आई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नवंबर 2021 में शुद्ध रूप से 13.95 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 38 फीसदी अधिक हैं. निश्चित वेतन पर रखे गए (पेरोल) कर्मचारियों के ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. ईपीएफओ के अस्थायी पेरोल आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में 13.95 लाख अंशधारक जोड़े गए हैं. यह अक्टूबर 2021 के मुकाबले 2.85 लाख या 25.65 फीसदी ज्यादा हैं.
3.84 लाख ज्यादा अंशधारक जुड़े
श्रम मंत्रालय ने गुरुवार को बयान में कहा कि सालाना आधार पर तुलना की जाए, तो अंशधारकों की संख्या में 3.84 लाख की वृद्धि हुई है. नवंबर 2020 में ईपीएफओ ने शुद्ध रूप से 10.11 लाख अंशधारक जोड़े थे. नवंबर 2021 में जोड़े गए कुल 13.95 अंशधारकों में से 8.28 लाख सदस्य पहली बार ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा दायरे में आए है. इसके अलावा करीब 5.67 लाख अंशधारक ईपीएफओ से बाहर निकलने के बाद कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों के भीतर नौकरी बदलकर फिर इसमें शामिल हुए हैं.


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