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सरकार सब्सिडी बिल कम करने पर सक्रिय अर्थव्यवस्था आम आदमी पर होगा असर

Teja
19 Jan 2022 10:22 AM GMT
सरकार सब्सिडी बिल कम करने पर सक्रिय अर्थव्यवस्था आम आदमी पर होगा असर
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केंद्र सरकार 2022-23 के लिए सब्सिडी बिल को कम करने पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 1 फरवरी 2022 को पेश होने वाले आम बजट में केंद्र सरकार खाद्य और खाद सब्सिडी (Fertilizer Subside) को घटा सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस सब्सिडी को 2.60 लाख करोड़ और 90,000 करोड़ रुपये पर लाने की तैयारी है. यह वित्त वर्ष 2022 के लिए संशोधित अनुमानों के मुकाबले कम होगी. आपको बता दें कि महंगे खाद को सस्ते में किसानों को उपलब्ध कराता है. सब्सिडी भारत सरकार द्वारा पूरे देश में सस्ती कीमतों पर लोगों को आवश्यक प्रोडक्ट्स प्रदान करने के लिए दी जाने वाली छूट है. सब्सिडी वह रकम है जो सरकार उद्योग को देती है जो लोगों को सब्सिडी वाले प्रोडक्ट्स बेचता है. सरकार किसानों को खेती के लिए दी जाने वाली खाद, मिट्टी के तेल, रसोई गैस सिलेंडर, खाने-पीने की चीजों पर, कुछ मामलों में ब्‍याज पर सब्सिडी देती है. हालांकि सब्सिडी के आंकड़े सरकार की बैलेंसशीट पर काफी असर डालते हैं. इसी आधार पर अनुमान लगता है कि सरकार अपने वित्‍तीय घाटे के लक्ष्‍य को पूरा कर पाएगी या नहीं. बजट देखते समय इस पर जरूर नजर रखें कि सब्सिडी कहां और कितनी मिल रही है.

बजट में क्या होगा?
सूत्रों का कहना हैा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कुल सब्सिडी बिल करीब 5.35 से 5.45 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसे सरकार अगले वित्त वर्ष में कम करना चाहती है.
इस बार के आम बजट के तुरंत बाद देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में यह बजट लोक लुभावन होने की पूरी संभावना जताई जा रही है.
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए खाद्य सब्सिडी बिल के संशोधित अनुमानों में करीब 3.90 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है, जो बजट में किए गए 2.43 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है.
लेकिन वित्त वर्ष 2021 के 4.22 लाख करोड़ रुपये से कम है. इसके अलावा रिपेार्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) की कुल लागत 1.47 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
आइए अब सब्सिडी के बारे में जानते…
सब्सिडी आमतौर पर एक कैश भुगतान या टैक्स कटौती के रूप में दी जाती है. आर्थिक मदद सभी चाहते हैं. इसीलिए सरकार बजट में सब्सिडी देती है. सरकार कम या ज्‍यादा सब्सिडी दे रही है, इस पर बजट का आकलन होता है.सरकार अपने खजाने से सब्सिडी का ऐलान करती है.
मुख्यतौर पर सब्सिडी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह से दी जाती है. जब सब्सिडी का पैसा दिया है तो यह डायरेक्ट यानी प्रत्यक्ष सब्सिडी कहलाती है और टैक्स में छूट, कर्ज के ब्याज में छूट, खाद की कीमतों में राहत आदि अप्रत्यक्ष सब्सिडी कही जाती है.
जब भी कोई सब्सिडी कैश भुगतान के तौर पर दी जाती है, तो वो विशेष रूप से प्रत्यक्ष सब्सिडी मानी जाती है. वहीं कोई भी गैर-नकद लाभ की सहायता को अप्रत्यक्ष सब्सिडी माना जाता है, जैसे कि कर में छूट, कम लोन में ब्याज देना और आदि.


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