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विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट जारी
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे हफ्ते में तेज गिरावट देखने को मिली है. इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार (Forex reserve) 10 अरब डॉलर से ज्यादा घट गया है. भंडार में वैसे तो गिरावट लगातार तीसरे हफ्ते देखने को मिली है. हालांकि जून के पहले हफ्ते में रिजर्व में गिरावट बेहद सीमित थी. रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 17 जून को समाप्त सप्ताह में 5.87 अरब डॉलर घटकर 590.588 अरब डॉलर रह गया है. वहीं 10 जून को खत्म हुए हफ्ते में रिजर्व 4.5 अरब डॉलर घटा था. इस दौरान रिजर्व के चारों हिस्सों यानि फॉरेन करंसी एसेट, गोल्ड रिजर्व, आईएमएफ के साथ एसडीआर और आईएमएफ के साथ रिजर्व पोजीशन में गिरावट देखने को मिली है.
कहां पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले सप्ताह, विदेशी मुद्रा भंडार 4.599 अरब डॉलर घटकर 596.458 अरब डॉलर रह गया था. वहीं इस सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार घटने का कारण फॉरेन करंसी एसेट्स में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार में गिरावट आने से भी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है. आंकड़ों के अनुसार सप्ताह में एफसीए 5.362 अरब डॉलर घटकर 526.882 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली फॉरेन करंसी एसेट्स में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के मूल्य में बदलावों को शामिल किया जाता है. आंकड़ों के अनुसार सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य भी 25.8 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 40.584 अरब डॉलर रह गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 23.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.155 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार भी 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.968 अरब डॉलर रह गया.
10 महीने के कम के आयात बिल के बराबर रिजर्व
रिजर्व बैंक के मई में आए आर्टिकल के मुताबिक करीब 600 अरब डॉलर का रिजर्व देश के 10 महीने के आयात बिल के बराबर है. रिजर्व में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. 20 मई को खत्म हुए हफ्ते से पहले लगातार 9 हफ्ते रिजर्व में गिरावट देखने को मिली थी. और ये 593 अरब डॉलर के स्तर के पास पहुंच गया था. 3 सितंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 642.5 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. देश के भंडार पर कमजोर रुपये और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों का दबाव बना हुआ है.
Rani Sahu
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