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मुंबई। वैश्विक बाजारों के मिले-जुले संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों के दोनों प्रमुख सूचकांकों में बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 225.95 अंक यानी 0.37 प्रतिशत गिरकर 60,806.31 अंक पर आ गया। एनएसई का निफ्टी भी 54.50 अंक के नुकसान के साथ 17,875.35 अंक पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में से आठ को छोड़कर बाकी सभी के शेयर नुकसान में दिखाई दिए। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई और मारुति सुजुकी भी शामिल हैं। पिछले कारोबारी दिवस पर सेंसेक्स 600.42 अंक यानी 0.99 प्रतिशत चढ़कर 61,032.26 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 158.95 अंक यानी 0.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,929.85 अंक पर बंद हुआ था। घरेलू शेयर बाजारों में शुरुआती गिरावट एशियाई बाजारों के नकारात्मक रुख की वजह से रही। जापान, चीन और हांगकांग के बाजारों में गिरावट का रुझान देखा जा रहा है।
इसके पहले मंगलवार को यूरोप और अमेरिका के बाजारों में मिला-जुला रुख रहा था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि निवेशकों को अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़ों का इंतजार है और इसकी वजह से वे सतर्कता बरत रहे हैं। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,305.30 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध लिवाली की थी।
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 12 पैसे कमजोर होकर 82.90 के भाव पर खिसक गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिका में नीतिगत दर में बढ़ोतरी का सिलसिला आगे भी जारी रहने की आशंका गहराने से डॉलर को मजबूती मिली। इसके अलावा घरेलू शेयर बाजारों की कमजोरी और कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से भी रुपये पर दबाव बना। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.90 के भाव पर खुला जो 12 पैसे की कमजोरी को दर्शाता है। पिछले कारोबारी दिवस पर रुपया 82.78 के भाव पर बंद हुआ था। छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत चढ़कर 103.38 पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.70 प्रतिशत बढ़कर 84.98 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
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