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खरीफ फसलों को जानवरों से बचाने के लिए शुरू हुआ 'रोका-छेका' अभियान

Gulabi Jagat
11 July 2022 2:28 PM GMT
खरीफ फसलों को जानवरों से बचाने के लिए शुरू हुआ रोका-छेका अभियान
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छत्तीसगढ़ में खेतों में लगाए गए खरीफ फसलों (Kharif Crops) को बचाने के लिए रोका-छेका अभियान (Roka-Cheka Campaign) की शुरुआत की गयी है. फसलों की रक्षा के लिए 10 जुलाई को इसकी शुरुआत की गयी है. अभियान के तहत खेत में लगे फसलों को जानवरों से बचाया जाता है. मॉनसून (Monsoon) के सीजन में सभी खेतों में फसल लगे होते हैं, ऐसे में मवेशी इन फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं इसलिए इस अभियान के जरिए प्रदेश में खेतों में लगे धान व अन्य फसलों की रक्षा की जाएगी. अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा की सभी जानवर बाड़े के अंदर या बंधे रहें. ताकि वो बाहर निकलकर फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा सके.
खरीफ फसल की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ में 10 जुलाई से रोका-छेका अभियान शुरू होगा, जिसमें गौठानों में नियमित रूप से गोवंश लाये जायेंगे. अभियान के तहत सभी गायों और बैलों को गौठान तक पहुंचाया जाता है. उनके वहा खाने के लिए पर्याप्त भोजन की व्यवस्था की जाती है. साथ ही वहां पर पशुओं का सवास्थ्य परीक्षण, बंध्याकरण, कृत्रिम गर्भाधान और टीकाकरण किया जाता है. कार्यक्रम को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने राज्य के पशुपालकों से अपील करते हुए कहा है कि रोका-छेका छत्तीलगढ़ की परंपरा है. उन्होंने कहा कि इसलिए राज्य के किसान यह संकल्प ले की वो अपने मवेशियों को खुला नहीं छोड़ेंगे.
अपने मवेशियों को बांध कर रखें पशुपालक
मीडया रिपोर्ट के मुताबकि बारिश के मौसम में खेतों में बोए गए फसल की रक्षा करना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होत ही. रोका-छोका अभियान के जरिए खेत में लगी फसलों को लगाने में मदद मिलती है. पिछले बार भी इस अभियान को राज्य में चलाया गया था, प्रदेश में अस अभियान को काफी सफलता मिली थी. हालां कि अब गांवों में गौठान की स्थापना से मवेशियों की देखभाल करना आसान हो गया है. गौठान समितियां मवेशियों के लिए चारे और पानी की व्यवस्था करती हैं.
खेत में बाड़ लगाने में हैं दिक्कतें
गौरतलब है कि इस बार बारिश की कमी के कारण अधिकांश किसान फसलों की बुवाई भी ठीक से नहीं कर पाए हैं. इसलिए खेत में ली फसल की सुरक्षित देखभाल करना बेहद जरूरी हो जाता है. इसके अलावा जानवरों से बचाव के लिए खेत में बाड़ लगाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है पर धान के खेतों में बाड़ लगाना संभव नहीं लगता है क्योंकि अगर बाड़ लगाए जाए तो फिर खेत में खेत तैयार करते वक्त ट्रैक्टर या अन्य वाहनो को खेतों तक जाने में परेशानी होगी साथ ही खेत की जमीन बाड़ लगाने में बर्बाद होगी इसलिए मवेशियों को बांधकर रखना सुरक्षित माना जाता है.
Gulabi Jagat

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