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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जानें होलसेल और रिटेल के बीच क्या होगा फर्क

Teja
4 Feb 2022 11:27 AM GMT
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जानें होलसेल और रिटेल के बीच क्या होगा फर्क
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी डिजिटल करेंसी को लेकर आना वाला है. अब इससे जुड़ी एक नई खबर सामने आ रही है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर आना वाला है. अब इससे जुड़ी एक नई खबर सामने आ रही है. CNBC-TV18 के मुताबिक, वित्त मंत्रालय और आरबीआई भारत की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के दो वर्जन को लाने की चर्चा कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दो वर्जन- रिटेल डिजिटल रुपी (Retail Digital Rupee) और होलसेल डिजिटल रुपी (Wholesale Digital Rupee) को लॉन्च करने की योजना है. मौजूदा प्रस्ताव में एक वर्जन को वित्त वर्ष 2023 और दूसरे वर्जन को उसकी प्रतिक्रिया को देखने के बाद लॉन्च करने की योजना है. होलसेल डिजिटल रुपी का मकसद संस्थानों जैसे बैंकों के बीच ट्रांजैक्शन करना है. वहीं, रिटेल डिजिटल रुपी का इस्तेमाल आम लोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल फोन के जरिए कर सकते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, लॉन्च किसका पहले होगा और कब होगा, इस पर फैसला आरबीआई लेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में ऐलान किया था कि केंद्रीय बैंक आरबीआई वित्त वर्ष 2023 में भारत की अपनी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा.
क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर अभी तस्वीर साफ नहीं
आपको बता दें कि ऐसी खबर पहले से थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कोई सधा हुआ रुख अपनाएगी. हालांकि बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण में क्रिप्टोकरेंसी पर कुछ नहीं कहा गया, लेकिन बाद में प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर नपा-तुला और सधा हुआ रुख अपनाएगी.
इससे साफ हो गया कि सरकार बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाएगी, लेकिन क्या उसे वैध किया जाएगा, इस पर अभी असमंजस बना हुआ है. वित्त मंत्री ने बजट में साफ कर दिया कि रिजर्व बैंक अपना डिजिटल करेंसी लेकर आएगा जिसे डिजिटल रुपी कहा जाएगा. बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रिजर्ब बैंक डिजिटल रुपी लांच करेगा. डिजिटल रुपी 2022-23 वित्त वर्ष में ही लांच किया जाएगा. डिजिटल करंसी से देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी.
बजट में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसे कि बिटकॉइन या इथीरियम के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. आर्थिक सर्वे में भी इस तरह की कोई बात नहीं कही गई थी. लेकिन सरकार की बात से साफ है कि क्रिप्टोकरेंसी पर अभी कोई प्रतिबंध वाली बात नहीं है. सरकार ने निवेशकों की चिंता दूर कर दी जो टैक्स को लेकर था. वित्त मंत्री ने बजट में साफ कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी का जितना ट्रांजैक्शन किया जाएगा उसका 30 परसेंट टैक्स देना होगा. मान लें किसी व्यक्ति ने 1 लाख का बिटकॉइन ट्रांजेक्शन किया तो उसे 30 परसेंट का टैक्स भरना होगा.


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