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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान कर दिया है. RBI ने ई-रुपी (e-RUPI) प्रीपेड डिजिटल वाउचर के तहत कैप बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 10,000 रुपये की मौजूदा सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर कर दिया गया है और इसके विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग की अनुमति दी गई है. इसे एक से अधिक बार इस्तेमाल किया जाएगा. इसे नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी द्वारा डेवलप किया गया है. eRUPI एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है जो बेनिफिशीएरी के मोबाइल फोन में SMS-स्ट्रिंग या QR कोड के तौर पर मिलता है.
इसके अलावा, TReDs निपटान के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को सक्षम करने के लिए गवर्नर ने NACH मैंडेट सीमा को वर्तमान में 1 करोड़ रुपये बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये किया.
लगातार 10वीं बार नहीं बदले रेपो रेट
आरबीआई ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 4 फीसदी पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि कर्ज की मासिक किस्त में कोई बदलाव नहीं होगा. यह लगातार 10वां मौका है जब आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है. इससे पहले 22 मई, 2020 को मांग को गति देने के इरादे से रेपो दर में कमी कर इसे रिकार्ड निचले स्तर पर लाया गया था. आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि समिति ने रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है.
e-RUPI का कहां कर सकते हैं इस्तेमाल
ई-रुपी एक बार का कॉन्टैक्ट लेस, कैशलेस वाउचर-आधारित भुगतान का तरीका है. ये यूजर्स को कार्ड, डिजिटल भुगतान ऐप या इंटरनेट बैंकिंग तक पहुंचे बिना वाउचर भुनाने में मदद करता है. e-RUPI का इस्तेमाल मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम, टीबी इरैडिकेशन प्रोग्राम के तहत दवाओं और न्यूट्रिशनल सपोर्ट और आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना और फर्टीलाइजर सब्सिडी के तहत सुविधा देने के लिए किया जा सकता है.
मॉनिटरी पॉलिसी की अहम बातें-
>> उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और देश मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में बना हुआ है. >> आरबीआई ने स्वास्थ्य सेवा, संपर्क आधारित क्षेत्र के लिये हमेशा सुलभ नकदी योजना का विस्तार तीन महीने के लिये किया. >> महामारी की तीसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां कुछ प्रभावित, संपर्क से जुड़े क्षेत्रों में मांग नरम हुई. >> केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये आर्थिक वृद्धि दर 9.2 फीसदी और मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. >> आर्थिक वृद्धि परिदृश्य के बारे में दास ने कहा कि वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 2022-23 में 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. >> वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से मुद्रास्फीति का जोखिम बढ़ गया है.
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