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ब्लेंडेड फ्यूल को प्रोत्साहन देने के लिए 1 अक्टूबर 2022 से बिना ब्लेंड किए ईंधन की कीमत 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाई जाने वाली हैं."
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज साल 2022-23 के लिए वित्तीय बजट की घोषणा कर दी है जिसमें ऑटोमोबाइल जगत को सौगात मिली है, खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए. इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सुनाते हुए कहा, "ईंधन की ब्लेंडिंग करना सरकार की प्राथमिकता है. ब्लेंडेड फ्यूल को प्रोत्साहन देने के लिए 1 अक्टूबर 2022 से बिना ब्लेंड किए ईंधन की कीमत 2 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाई जाने वाली हैं."
क्या होता है ब्लेंडेड फ्यूल
ब्लेंडेड फ्यूल का मतलब है पेट्रोल के साथ इथेनॉल को मिलाना. इथेनॉल एक बायो फ्यूल है जो जलने पर पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता. भारत सरकार इस फ्यूल को चलन में लाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है और अब अगर अक्टूबर से आप बिना इथेनॉल मिला पेट्रोल इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 2 रुपये प्रति लीटर ज्यादा कीमत चुकानी होगी.
कुल पेट्रोल का 8 प्रतिशत इथेनॉल के साथ ब्लेंड
फिलहाल देश के कई राज्यों के अलग-अलग शहरों में पेट्रोल के साथ इथेनॉल कई पैमानों पर मिलाया जा रहा है. इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, और भारत पेट्रोलियम जैसी राज्य संचालित ईंधन कंपनियां इथेनॉल मिला हुआ पेट्रोल बेचती हैं, वहीं लगभग सभी निजी कंपनियां शुद्ध पेट्रोल बेच रही हैं, यानी इसमें इथेनॉल नहीं मिला रहीं. औसत आंकड़ा देखें तो राज्य संचालित ईंधन कंपनियां कुल पेट्रोल का 8 प्रतिशत इथेनॉल के साथ ब्लेंड करके बेच रही हैं.
सभी की भागीदारी के लिए मजबूत संकेत
दूर-दराज स्थित देश के बाकी हिस्से जहां इथेनॉल का प्रोडक्शन कम या स्टोर करने की क्षमता कम है, वहां पेट्रोल के साथ कम मात्रा में इथेनॉल मिलाया जाता है. सरकार के इस फैसले पर इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन के डायरेक्टर जनरल, अबिनाश वर्मा ने कहा, "फ्यूल ब्लेंडिंग प्रोग्राम में सभी की भागीदारी के लिए सरकार ने मजबूत संकेत दिया है और ब्लेंडेड फ्यूल देशभर में पर्याप्त मात्रा में पहुंचाया जाना चाहिए." बता दें कि देशभर के 90 प्रतिशत पेट्रोल पंप राज्य संचालित कंपनियां चला रही हैं.
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