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प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की, जानिए इससे ग्राहकों का क्या होगा फायदा

Shiddhant Shriwas
11 Oct 2021 3:44 AM GMT
प्रति ट्रांजैक्शन लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की, जानिए इससे ग्राहकों का क्या होगा फायदा
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मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने IMPS ट्रांजैक्शन की लिमिट को ढ़ाई गुना बढ़ाकर 5 लाख कर दिया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बीते सप्ताह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए IMPS की लिमिट प्रति ट्रांजैक्शन 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया. RBI ने अपने इस फैसले को लेकर कहा कि इससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ाने में मदद मिलेगी, साथ ही 2 लाख से ज्यादा वैल्यु का ट्रांजैक्शन करने में उन्हें आसानी होगी. RBI ने यह भी कहा कि इससे कस्टमर्स को एडिशनल फैसिलिटी मिलेगी.

IMPS यानी इमीडिएट पेमेंट सर्विस डिजिटल बैंकिंग के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सर्विस है. यह सुविधा 24 घंटे के लिए उपलब्ध होती है. इसका इस्तेमाल डोमेस्टिक फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है. IMPS की सुविधा इंटरनेट बैंकिंग के साथ-साथ मोबाइल बैंकिंग, बैंक ब्रांच और ATMs, SMS, IVRS पर भी उपलब्ध है. इसकी मदद से ट्रांजैक्शन करना काफी आसान होता है. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए इस विकल्प का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में IMPS ट्रांजैक्शन वैल्यु 32 ट्रिलियन (32 लाख करोड़) के पार पहुंच गई, जबकि इस दौरान NEFT ट्रांजैक्शन 29 लाख करोड़ रहा.
RTGS सर्विस 24 घंटे के लिए उपलब्ध
रिजर्व बैंक ने IMPS ट्रांजैक्शन की लिमिट बढ़ाने का फैसला क्यों लिया, इसको लेकर बैंक बाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा कि अब RTGS यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट को 24 घंटे के लिए लागू कर दिया गया है. इसके अलावा औसत IMPS सेटलमेंट टाइम में भी गिरावट आई है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक ने आईएमपीएस की लिमिट बढ़ाने का फैसला किया.
अब ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ज्यादा सुरक्षित
शेट्टी ने यह भी कहा कि अगर इसकी लिमिट बढ़ाई गई है तो इसका मतलब है कि हाई वैल्यु डिजिटल ट्रांजैक्शन अब पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित हो गया है. RBI इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग की मदद से होने वाले ट्रांजैक्शन पूर तरह सुरक्षित रहें. इससे कस्टमर्स का भरोसा बढ़ा है और डिजिटल इंडिया मूवमेंट में मदद मिल रही है.
क्या होती है IMPS सर्विस
IMPS यानी इमीडिएट मोबाइल पेमेंट सर्विस कहते हैं. अगर आसान शब्दों में कहें तो आईएमपीएस के जरिए किसी भी खाता धारक को कहीं भी कभी भी पैसे भेज सकते हैं. इसमें पैसे भेजने के वक्त को लेकर कोई पाबंदी नहीं है. आप सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे में कभी भी आईएमपीएस के जरिए कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. आरटीजीएस, एनईएफटी या आईएमपीएस जैसी सुविधाओं के लिए इंटरनेट जरूरी है. आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप न हो तो स्मार्टफोन से भी काम चला सकते हैं जिसमें इंटरनेट की सुविधा हो.
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