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कई लोगों का खुद का घर बनवाना एक सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करके पैसा जोड़ते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कई लोगों का खुद का घर बनवाना एक सपना होता है, जिसे पूरा करने के लिए वो दिन-रात मेहनत करके पैसा जोड़ते हैं. कुछ लोग घर बनाने के लिए बैंक से लोन भी लेते हैं. लेकिन कुछ लोगों को किराए के घर में रहना पसंद होता है. कोरोना के चलते दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई महानगरों में किराए में कमी की खबरें भी आ रही हैं. दूसरी ओर घर खरीदने पर ईएमआई का बोझ बढ़ जाता है. ऐसे में सवाल ये है कि अपना घर खरीदना जरूरी है या किराए पर रहना ज्यादा बेहतर विकल्प है. आइए इसे समझते हैं.
EMI और किराये के गणित को समझें
जब आप लोन पर घर खरीदते हैं तो आप पर उसके चुकाने की भी जिम्मेदारी आ जाती है. इसे बंगलुरू में एक रियल एस्टेट प्रोपर्टी के माध्यम से समझाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि मान लीजिए वर्तमान में संपत्ति का बाजार का मूल्य 50 लाख रुपये है. कोई इस संपत्ति को खरीदने या किराए पर लेने का निर्णय कैसे लेगा.
पहले किराये के नजरिए से समझते हैं. यदि कोई इस संपत्ति को किराए पर लेना चाहता है तो वह 12 से 14 हजार रुपये प्रति महीने चुकाएगा. यह लागत 11 महीने बाद बढ़ जाएगी. इसलिए हो सकता है कि उसे किराये को बनाए रखने या हर साल लगभग 5-10 फीसदी की बढ़ोतरी से बचने के लिए हर साल एक अलग स्थान पर शिफ्ट होना पड़ सकता है. हालांकि उसके वेतन में भी वृद्धि होगी लेकिन मुद्रास्फीति उसे हर साल किराए का घर बदलने पर मजबूर करेगी.
घर खरीदने के नजरिए से देखने पर पता चलता है कि जब आप होम लोन (20 फीसदी डाउन पेमेंट- 80 फीसदी लोन) पर एक घर खरीदते हैं तो इसमें आपको 20 सालों के लिए 7.25 फीसदी की ब्याज दर पर हर महीने 32 हजार रुपये की मासिक किस्त चुकानी होती है और यदि आप 50 फीसदी डाउन पेमेंट चुकाते हैं तो आपको इसमें 20 हजार रुपये मासिक किस्त चुकानी होती है.
घर में मेंटेनेंस का भी होता है खर्चा
जो घर आपको अभी 50 लाख रुपये में मिल रहा है वो 20 साल बाद करीब 1.15 करोड़ रुपये में मिलेगा. इसके अलावा अगर कोई घर आज खरीदा जाएगा तो 20 साल तक उसमें कई तरह की मेंटेनेंस का खर्चा भी होगा. इसके साथ ही पुराने घर की कीमत भी कम होती जाती है.
20 साल बाद ले सकते हैं 2-3 घर
अगर आप अभी होम लोन न लेकर पैसों को कहीं इन्वेस्ट करते हैं, तो 20 साल बाद आपके पास करीब 4 करोड़ रुपये का फंड जमा हो सकता है. ये 15 फीसदी रिटर्न के हिसाब से है. अगर आपको 12 फीसदी भी रिटर्न मिला, तो 20 साल बाद आपके पास करीब 2.5 करोड़ रुपये का मोटा फंड होगा. इस तरह किराये के घर में रहते हुए होशियारी से इन्वेस्ट करना नया घर खरीदने की तुलना में कई गुना फायदेमंद हो सकता है. 20 साल बाद आप ठीक वैसा ही घर खरीदकर फायदे में रह सकते हैं. इतना ही नहीं बल्कि इस तरीके को अपनाकर आप 20 साल बाद ठीक वैसा ही 2-3 घर खरीद सकते हैं.
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