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केंद्र सरकार ने 30 मार्च को एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें
केंद्र सरकार ने 30 मार्च को एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें वाहन स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट (Vehicle scraping certificate) के साथ खरीदे गए सभी वाहनों के लिए मोटर वाहन टैक्स (Motor vehicle tax) पर 25 प्रतिशत तक रियायत देने का प्रस्ताव है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Road Transport and Highways Ministry) द्वारा जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के अनुसार, वाहन के स्क्रैपिंग के सर्टिफिकेट के साथ खरीदे गए निजी वाहनों को मोटर वाहन कर पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जबकि कमर्शियल वाहनों पर 15 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. सरकार के मुताबिक कमर्शियल वाहनों के लिए ये टैक्स छूट आठ साल की अवधि के लिए होगी, जबकि निजी वाहनों के लिए रियायत रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 साल की अवधि के लिए होगी.
सरकार ने 30 दिनों की अवधि के लिए इस विषय पर विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगे हैं. नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होने की संभावना है. सरकार ने कहा है कि वाहन मालिकों को 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने का सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा.
पुराने वाहनों को देना होगा फिटनेस टेस्ट
1 फरवरी के बजट में इस कैश-फॉर-क्लकर्स योजना का जिक्र किया गया था लेकिन उस समय विवरण नहीं दिया गया था. व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) के तहत पुरानी कारों को सड़कों से हटाने पर जोर दिए जाने का मतलब है कि 20 साल से अधिक पुराने ऑटो और 15 साल से अधिक पुराने कमर्शियल वाहनों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. अगर फिटनेस सर्टिफिकेशन को चालू नहीं रखा जाता है, तो उन वाहनों को निष्क्रिय कर दिया जाएगा.
15 साल से अधिक पुरानी कारों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए भी अधिक लागत आएगी, साथ ही विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहन 15 साल बाद ऑटोमैटिक रूप से डी-रजिस्टर हो जाएंगे. इन ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के आधार पर तैयार किया जा रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार, राज्यों और प्राइवेट प्लेयर्स के साथ मिलकर काम करेगी.
व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से पर्यावरण तो सुधरेगा ही साथ में ऑटो सेक्टर को भी जबरदस्त फायदा होगा. कार निर्माता भरोसा जता रहे हैं कि महामारी के दौरान इंडस्ट्री में आई गिरावट से जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा.
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