न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
शीर्ष-3 कंपनियों में इन्फोसिस ने जून तिमाही में सर्वाधिक 21,171 भर्तियां की हैं क्योंकि उसके यहां कर्मचारियों का पलायन बढ़कर 28.4% हो गया है। मार्च, 2022 में यह 27.7% था।
प्रमुख बाजारों से लगातार सौदे मिलने की वजह से देश की शीर्ष सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने जून तिमाही में 50,000 से अधिक नौकरियां दी हैं। हालांकि, कर्मचारियों के जल्द नौकरियां बदलने, मार्जिन दबाव, मानव संसाधन लागत और कर्मचारी संबंधी चुनौतियों ने आईटी उद्योग के लिए समस्या खड़ी कर दी है।
क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि प्रतिभाओं के लिए खींचतान तब तक जारी रहेगी, जब तक उद्योग के लिए तैयार मानव संसाधनों का बल उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ जाता। आईटी कंपनियां मांग के अनुरूप खाली पद भरने में जुटी हैं। गैर-आईटी कंपनियां भी तकनीकी लोगों की तलाश में है ताकि डिजिटल दुनिया में रचे-बसे उनके ग्राहकों की जरूरतें पूरी हो सकें।
शीर्ष-3 कंपनियों में इन्फोसिस ने जून तिमाही में सर्वाधिक 21,171 भर्तियां की हैं क्योंकि उसके यहां कर्मचारियों का पलायन बढ़कर 28.4% हो गया है। मार्च, 2022 में यह 27.7% था।
विप्रो ने 15,446 पेशेवरों की भर्ती की। उसके यहां पलायन दर 23.3 फीसदी है। मार्च तिमाही में यह 23.8% व पिछले साल 15.5% था।
टीसीएस ने 14,136 पेशेवरों को नौकरी दी। कंपनी में पलायन दर बढ़कर 19.7% हो गई, जो मार्च तिमाही में 17.4 फीसदी थी।
पांच साल में पैदा होंगे 60 लाख नए अवसर
टीमलीज डिजिटल के सीईओ सुनील सी बताते हैं, पांच वर्ष में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुल 60 लाख नए रोजगार तैयार होंगे। हालांकि, आने वाले समय में आईटी कंपनियों पर मार्जिन का दबाव रहेगा क्योंकि सौदों का आकार नहीं बढ़ा है।