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नई दिल्ली | आयकर दिवस के मौके पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसे करीब एक लाख लोगों को टैक्स के नोटिस भेजे गए हैं, जिनके रिटर्न में गड़बड़ी रही है और ये नोटिस बिना किसी मतलब के नहीं भेजे गए हैं। हालांकि टैक्स विभाग मार्च 2024 तक सभी मामलों सुलझा लेगा। वित्तमंत्री के मुताबिक टैक्स विभाग दिए गए नोटिसों को निपटाने में तेजी से काम कर रहा है और आने वाले दिनों में इसमें और तेजी आएगी। पिछले साल और इस साल के आंकड़ों को देखा जाए तो आयकर विभाग से करदाताओं की संतुष्टि बढ़ी है।
वित्तमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि आने वाले दिनों में टैक्स विभाग की तरफ से भेजे जाने वाले नोटिसों के मामले पारदर्शी और जिम्मेदार तरीके से तेजी के साथ काम किया जाएगा। वित्तमंत्री के मुताबिक आज टैक्स विभाग की व्यवस्था ऐसी बन चुकी है जिसमें तकनीक के इस्तेमाल से लोगों को आसानी हो रही है और पहले से भरे हुए फॉर्म मिलने की वजह से टैक्स रिटर्न भरना चुटकियों का काम हो गया है। यही नहीं इसके जरिए लोगों को उनकी आय के सभी स्रोतों की जानकारी मिल जाती है। इसकी वजह से टैक्स विवाद घटने और टैक्स कलेक्शन सुगम होना है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि चाहे बात छोटे कारोबारियों की हो, स्टार्टअप या फिर कोऑपरेटिव सोसायटी की बात की जाए, सरकार का लक्ष्य टैक्स की दरें बढ़ाने के बजाए लोगों के साथ चलना है। उनके मुताबिक नई टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए 7.27 लाख तक कोई टैक्स नहीं रखा गया है और पुराने मामलों को खोलने पर भी सरकार का रवैया करदाता के हक में रहा है।
राजस्व सचिव संजय मलहोत्रा ने कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में टैक्स कलेक्शन तीन गुना हो गया है। ये आकंड़ा पांच लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि टैक्स देने वालों की संख्या भी बढ़ी है साथ ही विभाग की तरफ से करदाताओं को ऐसी तमाम सहूलियतें दी गई हैं जिससे उन्हें अपना टैक्स देने में कोई भी मुश्किल नहीं आ रही है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने बताया कि टैक्स विभाग लगातार करदाताओं को रिटर्न अपडेट करने के साथ साथ उनके रिटर्न की सघन जांच करता है और सभी माध्यमों से मिलने वाली करदाताओं की समस्याओं को सुलझाने का भी काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वेबसाइट के नए वर्जन के आने के बाद लोगों की सहूलियतें बढ़ी हैं। रिटर्न प्रोसेसिंग में लगने वाला औसत समय 16 दिन: आयकर दिवस के मौके पर विभाग की तरफ से तमाम सहूलियतें गिनाते हुए बताया गया कि रिटर्न प्रोसेसिंग में लगने वाला औसत समय पिछले वर्ष के 26 दिनों की तुलना में वित्तवर्ष 2022-23 में 16 दिन रह गया है, आने वाले दिनों में इसे और नीचे लाने पर काम किया जाएगा।
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