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टमाटर न हो तो रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ जाता है लेकिन इसी टमाटर के भाव ने महाराष्ट्र में किसानों की किसानी बिगाड़ दी है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- Maharashtra Farmers Protest: टमाटर न हो तो रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ जाता है लेकिन इसी टमाटर के भाव ने महाराष्ट्र में किसानों की किसानी बिगाड़ दी है. टमाटर के किसानों से टमाटर जिस भाव में खरीदा जा रहा है उससे किसान गुस्से में हैं. उनका गुस्सा अब सड़कों पर दिख रहा है. महाराष्ट्र के किसानों ने टमाटर की माला पहनकर सड़कों पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में किसानों ने टमाटर के उचित भाव न मिलने की वजह से गुस्से में हैं. टनों टमाटर सड़क पर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. किसानों का आरोप है कि महाराष्ट्र के बाजारों में आम आदमी के लिये टमाटर का भाव 10 से 20 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है लेकिन वही टमाटर जब किसानों से थोक भाव में लिया जा रहा है तो किसानों से 5 रुपये में 20 किलो टमाटर खरीदा जा रहा है. किसानों से 5 रुपये में 20 किलो टमाटर खरीदने की वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है और यही वजह कि किसान सड़को पर उतरे हैं.
किसानों की मानें तो क्योंकि टमाटर जल्दी खराब हो जाते हैं जिसकी वजह से मजबूरी में किसानों को अपने टमाटर बेचने पड़ते हैं, इसी का फायदा थोक व्यापारी उठाते हैं. किसानों से टमाटर के थोक व्यापारी बेहद सस्ते दामों में टमाटर खरीदते हैं और बड़े बड़े शहरों में वही टमाटर चार और पांच गुने दामों में बेचा जाता है. थोक व्यापारियों का ये रवैया किसानों के लिये बेहद नुकसानदायक है. इसकी वजह से उनकी टमाटर की खेती की लागत भी नही निकल पाती.
यही वजह की आज महाराष्ट्र के औरंगाबाद-मुंबई हाइवे पर किसानों का तीव्र आंदोलन देखने को मिला. कई ट्रैक्टर टमाटर सड़क पर फेंककर किसानों ने अपना विरोध जताया. औरंगाबाद के लातूर स्टेशन पर टमाटर के भाव से गुस्साए किसान बेहद अक्रामक दिखे.
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