बिज़नेस : वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक चुनौतियों के साथ अमेरिका व यूरोप में मंदी की मार के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2023-24 में निफ्टी 50 से निवेशकों को 19 फीसद तक का रिटर्न मिल सकता है। यह अनुमान एडलवाइज की रिपोर्ट में जाहिर किया गया है। मुख्य रूप से घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) में बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है।
अगले वित्त वर्ष 2024-25 में शेयर बाजार से 15 फीसद तक का रिटर्न मिल सकता है। बड़ी कंपनियों के 50 प्रमुख शेयर को निफ्टी 50 के रूप में संबोधित किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग सेक्टर से सभी प्रकार के लोन में लगातार बढ़ोतरी, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में पूंजीगत खर्च के साथ निजी खर्च में हो रहे इजाफे के साथ पिछले डेढ़-दो सालों में रियल एस्टेट सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से घरेलू मोर्चे पर आर्थिक स्थिति मजबूत दिख रही है। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेश (एफआईआई) का रुझान फिर से भारत के बाजार की ओर होने की उम्मीद जाहिर की जा रही है। मोर्गेन स्टेनले कैपिटल इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक इमरजिंग मार्केट ( उभरते हुए बाजार) सूचकांक में चीन के बाद भारत अब भी दूसरे नंबर पर बना हुआ है जिससे विदेशी संस्थागत निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी। वित्त वर्ष 2021-22 में यह सूचकांक 12.8 फीसद था जो वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 16.2 हो गया।
एडलवाइज के सीआईओ (इक्विटी) त्रीदीप भट्टाचार्य ने बताया कि दीपावली के बाद से बाजार में फिर से तेजी देखी जा सकती है। तब तक वैश्विक मंदी में भी कमी आने की संभावना है। इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना जैसे कई राज्यों में चुनाव है और अगले साल केंद्र का चुनाव है। जीएसटी संग्रह से लेकर औद्योगिक उत्पादन व सेवा सेक्टर में बढ़ोतरी के साथ मैन्यूफैक्च¨रग के लिए सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयास के नतीजे इस वित्त वर्ष में दिखने लगेंगे। चालू वित्त वर्ष में कैपिटल गुड्स, वित्त व मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े सेक्टर के समर्थन से बाजार के रिटर्न में मजबूती दिखेगी।