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ब्याज में होगी छूट, किसानों को इस काम के लिए मिलेगा 2 करोड़ रुपये तक का लोन
Gulabi Jagat
12 July 2022 4:38 PM GMT
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अगर कोई किसान एफपीओ यानी कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से अपने कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग करना चाहते हैं तो सरकार इसमें उसकी मदद करेगी. प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए उसे दो करोड़ रुपये तक का लोन आसानी से मिल सकता है. जिस पर न सिर्फ ब्याज की छूट होगी बल्कि सरकार ही गारंटी भी उपलब्ध कराएगी. इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी. यह दावा केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया है. वो एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund) की बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि कृषि व संबंधित क्षेत्रों के लिए आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत केंद्र ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रावधान किया है. इसमें से अब तक राज्यों को 13 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट मिल चुके हैं. करीब 9 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट मंजूर भी हो गए हैं, जो जल्द ही धरातल पर नजर आएंगे.
केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के तहत आने वाले कृषि विज्ञान केंद्र, अमरोहा के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण एवं केवीके, मुरादाबाद-2 के प्रशासनिक भवन के शिलान्यास के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने एवं कृषि क्षेत्र के विकास के लिए निजी निवेश जरूरी है. केंद्र सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
एफपीओ से छोटे किसानों को होगा फायदा
तोमर ने दावा किया कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है. कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने की दिशा में भी केंद्र सरकार ने काम शुरू कर दिया है. देशभर में 10 हजार एफपीओ बनाने का काम भी चल रहा है. एफपीओ में ज्यादा से ज्यादा संख्या में छोटे-छोटे किसान जुड़ेंगे तो खेती रकबा बढ़ेगा, किसान नई तकनीक से जुड़ पाएंगे, उत्पादकता अच्छी होगी व उत्पादन की मात्रा बढ़ेगी. इसका फायदा यह भी होगा कि किसान उत्पादों के वाजिब दाम के लिए मोलभाव कर सकते हैं.
क्या कर रही है सरकार?
कृषि मंत्री ने कहा कि खेती के समक्ष कई तरह की चुनौतियां हैं. इसलिए उत्पादकता बढ़े, समय पर खाद-बीज मिले, सिंचाई सुविधा हो व किसानों को फसलों का वाजिब दाम मिले…इसकी कोशिश की जा रही है. इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मददगार है, जो अपने संस्थानों के माध्यम से किसानों को नई तकनीक दे रहा है. नए-नए शोध किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं व अर्थव्यवस्था को बल देते हैं.
ड्रोन से खेती में क्या होगा फायदा
तकनीक का विस्तार करते हुए केंद्र सरकार ने ड्रोन पालिसी घोषित की है. ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा तो कीटनाशकों की बचत होगी, इसका सही तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा. साथ ही मानव शरीर को दुष्प्रभावों से भी बचाया जा सकेगा. ड्रोन पालिसी से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. सरकार ने कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए विभिन्न श्रेणियों में सब्सिडी भी देना तय किया है.
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