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चुनावी साल में सरकार ने अरहर और उड़द दाल की कीमतों पर लगाम लगाने की कवायद तेज कर दी है. सरकार ने दालों का आयात करने वाले आयातकों को कस्टम क्लीयरेंस मिलने के 30 दिनों के भीतर दालों को बाजार में उतारने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अरहर और उड़द दाल की कीमतों पर नकेल कसने के मकसद से यह आदेश जारी किया है.
दाल आयात करने वाली कंपनियों के संघ को लिखे पत्र में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि सभी सदस्यों से सलाह का पालन करने का अनुरोध किया जाता है। आपको बता दें कि मंत्रालय ने एडवाइजरी में इन आयातकों से कस्टम क्लीयरेंस मिलने के बाद 30 दिन से ज्यादा समय तक स्टॉक अपने पास नहीं रखने को कहा है.सरकार के इस आदेश के बाद इंडियन पल्स एंड ग्रेन्स एसोसिएशन ने अपने सभी सदस्यों को सलाह दी है कि सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक सभी स्टॉक को बाजार में उतार दें। आपको बता दें कि भारत अपनी 15 फीसदी दालों का आयात करता है।
हाल के महीनों में दालों की कीमतों में उछाल आया है। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी 2023 को राजधानी दिल्ली में अरहर दाल का भाव 120 रुपये प्रति किलो था, जो अब बढ़कर 132 रुपये प्रति किलो हो गया है. उड़द की दाल 118 रुपये किलो थी, जो अब 123 रुपये किलो हो गई है.हाल ही में सरकार ने विदेशों यानी म्यांमार से अरहर और उड़द की जमाखोरी की आशंका जताई थी. भारत में दालों का आयात करने वाले आयातक आयात कर नहीं मांग रहे हैं। वे उन्हीं दालों की जमाखोरी कर रहे हैं ताकि घरेलू बाजार में जब दालों के दाम और बढ़ जाएं तो वे ऊंचे दामों पर आयात कर बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमा सकें.
Tara Tandi
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