व्यापार

आने वाले समय में कैसा रहेगा शेयर बाजार,

Kajal Dubey
2 Sep 2022 5:59 PM GMT
आने वाले समय में कैसा रहेगा शेयर बाजार,
x
How will the stock market be in the coming times,
(Ganesh Chaturthi 2022) के अवसर घरेलू शेयर बाजार और विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार नहीं हो रहा है। लेकिन पिछले सत्र में घरेलू शेयर बाजारों में जबर्दस्त उछाल दर्ज किया गया था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1,564 अंक बढ़ा था, जो सेंसेक्स में पिछले तीन महीने से ज्यादा समय में एक दिन की सबसे बड़ी बढ़त है। अब निवेशकों की निगाह इस बात कर है कि आने वाले समय में बाजार किन कारकों से प्रभावित होगा।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) के ब्याज दर को लेकर कदम, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नीतिगत दर को लेकर निर्णय तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह जैसे कुछ प्रमुख कारक निकट भविष्य में घरेलू शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने बुधवार को यह भी कहा कि निकट भविष्य में सितंबर तिमाही के कंपनियों के परिणाम भी बाजार के लिये रास्ता निर्धारित करेंगे। उनका कहना है कि बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है।
कैसा है सेंसेक्स-निफ्टी का हाल?
बीएसई सेंसेक्स इस साल 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक पर था। तब से अबतक इसमें 16.91 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी इस साल 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 15,183.40 के स्तर से 16.96 प्रतिशत मजबूत हुआ है। वैसे इस साल सेंसेक्स अबतक 2.20 प्रतिशत और निफ्टी 2.33 प्रतिशत लाभ में रहे हैं।
स्थिर हुआ भारतीय रुपया: सुनील दमानिया
मार्केट्स मोजो के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, 'हमारा मानना है कि बाजार में इस समय तेजी का रुख बना हुआ है। इसकी एक प्रमुख वजह भारतीय अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन है।' उन्होंने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर को छूने के बाद स्थिर हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया फिलहाल 79.50 के आसपास बना हुआ है। सोमवार को कारोबार के दौरान यह 80.15 के अबतक के सबसे निचले स्तर को छू गया था।
दमानिया ने कहा, 'हमारा मानना ​​है कि सितंबर में बाजार चाहे रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाए या नहीं, दिवाली तक बाजार धारणा मजबूत रहेगी। इस समय निवेशक बाजार की मौजूदा तेजी को लेकर भले ही थोड़े सतर्क हों, हमारा मानना है कि सेंसेक्स दिसंबर, 2022 तक 65,000 अंक तक जा सकता है। वहीं निफ्टी के दिसंबर, 2019 तक 19,000 अंक तक जाने का अनुमान है।'
बाजारों को दिशा देंगे ये कारक
विशेषज्ञों के अनुसार, भू-राजनीतिक मसले, जिंसों के दाम, मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति, विभिन्न केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि की स्थिति तथा नरमी वैश्विक बाजारों को दिशा देंगे। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि भारतीय बाजार पर वैश्विक धारणा का असर पड़ सकता है। यह देखा गया है कि सितंबर में बाजार नीचे रहता है, इसको देखते हुए निवेशक जोखिम लेने से थोड़ा बचते हैं।
उन्होंने कहा, 'हालांकि, घरेलू बाजार में गिरावट की गति और मात्रा सीमित होगी। इसका कारण हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में होने वाली गतिविधियों से प्रभावित नहीं होती।' बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस में इक्विटी प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष रेशमा बंदा ने कहा कि देश की वृहत आर्थिक बुनियाद तुलनात्मक रूप से बेहतर स्थिति में है।
जुलाई में नरम पड़ी खुदरा मुद्रास्फीति
उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति ऊंची है। हालांकि, यह रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की तुलना में मामूली अधिक है। यह अन्य विकसित देशों की तुलना में अच्छी स्थिति है, जहां मुद्रास्फीति कई दशक के उच्चस्तर पर पहुंच गयी है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,
Next Story