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कैसे खड़ी हो सकी Patanjali

Apurva Srivastav
17 Jun 2023 5:20 PM GMT
कैसे खड़ी हो सकी Patanjali
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बाबा रामदेव (Baba Ramdev) आज योगगुरु के साथ-साथ बिजनेसमैन भी बन चुके हैं. उनकी कंपनी पतंजलि (Patanjali) का करोड़ों अक टर्नओवर है. लेकिन एक समय ऐसा भी जब जब बाबा रामदेव और उनके सखा आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के पास बिजनेस शुरू करने के लिए पैसा नहीं था. उस दौर में बाबा की मदद उनकी एक अनुयायी ने की थी. उन्होंने ही बाबा रामदेव को लोन दिया था, जिसकी बदौलत बाबा पतंजलि की नींव रख पाए.
लोन के बदले हिस्सेदारी
NRI सुनीता और उनके पति सरवन सैम पोद्दार (Sunita and Sarwan Sam Poddar) स्वामी रामदेव के फॉलोअर हैं. उन्होंने ही बाबा को 50 से 60 करोड़ रुपए का पर्सनल लोन दिया था, जिसकी बदौलत 2006 में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना कर पाए. पोद्दार दंपत्ति ने बाबा को यह लोन बिजनेस (Personal Loan For Business) शुरू करने के लिए दिया था और उनकी पतंजलि आयुर्वेद में हिस्सेदारी भी थी.
दूसरे बड़े स्टेकहोल्डर
2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरवन 'सैम' पोद्दार और उनकी पत्नी सुनीता स्कॉटलैंड में रहते हैं. उन्होंने 20 लाख पाउंड में लिटिल कुम्ब्रे नामक एक द्वीप खरीदा था, जिसे उन्होंने 2009 में बाबा रामदेव को बतौर गिफ्ट दिया था. 2011 तक दोनों के पास पतंजलि आयुर्वेद में 24.92 लाख शेयर थे. इस तरह, उनकी कंपनी में 7.2 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. पोद्दार दंपत्ति आचार्य बालकृष्ण के बाद पतंजलि आयुर्वेद में दूसरे सबसे बड़े हितधारक थे. बालकृष्ण के पास कंपनी में 92 प्रतिशत से अधिक शेयर हैं. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान में NRI पति-पत्नी की कंपनी में हिस्सेदारी है या नहीं.
ऐसे हुईं बाबा से प्रभावित
सुनीता बाबा रामदेव की भक्त थीं. बाबा के योग ज्ञान के चलते उन्होंने अपना काफी वजन कम किया था. वह स्वामी रामदेव से इतनी ज्यादा प्रभावित थीं कि उन्होंने बाबा को आइलैंड गिफ्ट करने के लिए अपने पति को राजी कर लिया था. सुनीता बाद में यूके के पतंजलि पीठ ट्रस्ट की ट्रस्टी भी बन गईं. सुनीता के पति सरवन का जन्म बिहार के बेतिया में हुआ था. जबकि सुनीता मुंबई में पैदा हुईं और काठमांडू में पली-बढ़ीं. सुनीता को कहीं से बाबा रामदेव की योग क्लासेस की DVD मिली थी. इसके बाद जब रामदेव ग्लासगो गए तब वहां सुनीता ने उनसे मुलाकात की. इसके बाद वह बाबा की भक्त हो गईं.
मिलकर संभाला बिजनेस
सैम पोद्दार के पिता ग्लासगो में डॉक्टर थे. जब सैम सिर्फ 4 साल के थे, तब उनके पिता भारत छोड़कर ग्लासगो शिफ्ट हो गए थे. सैम इंजीनियर हैं उन्होंने 1980 के दशक में एक परिचित का होम-केयर व्यवसाय खरीदा था. 1982 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और बिजनेस में पूरी तरह से उतर गए. जबकि सुनीता गैस स्टेशन चलाती थीं, बाद में वह भी पति का बिज़नेस में हाथ बंटाने लगीं. रामदेव ने एक बार कहा था कि 1995 में उनके पास दिव्य फार्मेसी के पंजीकरण तक के लिए पैसे नहीं थे. उस समय योग गुरु के तौर पर उन्हें इतनी पहचान नहीं मिली थी.
आज इतना है टर्नओवर
बाद में जब रामदेव ने लोकप्रियता हासिल की, तो उन्होंने कुछ बड़ा करने का फैसला लिया. तब सरवन और सुनीता पोद्दार ने उन्हें काफी बड़ा कर्ज दिया था. उनके साथ ही गोविंद अग्रवाल नामक शख्स ने भी उनकी मदद की थी. सुनीता ओकमिनस्टर हेल्थकेयर (Oakminster Healthcare) की सीईओ और संस्थापक हैं. यह कंपनी स्कॉटलैंड की लीडिंग होम केयर प्रदान करने वाली कंपनी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, बाबा रामदेव की पतंजलि ने पिछले वित्त वर्ष में 886.44 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था. उनकी कंपनी का टर्नओवर 45000 करोड़ रुपए से ज्यादा है. वहीं, फोर्ब्स के मुताबिक, आचार्य बालकृष्ण की कुल संपत्ति 29,680 करोड़ रुपए है.
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