व्यापार

हिडनबर्ग रिपोर्ट : कांग्रेस ने की सेबी से जांच की मांग

Rani Sahu
27 Jan 2023 2:03 PM GMT
हिडनबर्ग रिपोर्ट : कांग्रेस ने की सेबी से जांच की मांग
x
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को अडानी समूह पर हिडेनबर्ग रिपोर्ट की सेबी से जांच कराने की मांग की। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, आरोपों की भारतीय वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी)द्वारा जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसे वित्तीय संस्थानों के अडानी समूह के उच्च जोखिम वाले संस्थानों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करने से, उन करोड़ों भारतीयों पर प्रभाव पड़ता है, जिनकी बचत वित्तीय प्रणाली के इन स्तंभों द्वारा की जाती है। गौरतलब है कि पहले की रिपोटरें ने अडानी समूह की कंपनियों को कर्ज के बोझ से दबा बताया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वित्तीय गड़बड़ी के आरोप बहुत चिंताजनक हैं और इससे भी बुरी बात है कि एलआईसी, एसबीआई और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा किए गए अदानी समूह में किए गए निवेश के माध्यम से भारत की वित्तीय प्रणाली की खामियां भी उजागर हुई हैं।
इन संस्थानों ने उदारतापूर्वक अडानी समूह में निवेश किया, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों ने निवेश से परहेज किया। एलआईसी की इक्विटी संपत्ति का 8 प्रतिशत, जो 74 हजार करोड़ हैं, अडानी की कंपनियों में हैं और इसकी दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों ने अडानी समूह को निजी बैंकों की तुलना में दोगुना ऋण दिया है, इसमें से 40 प्रतिशत ऋण एसबीआई द्वारा दिया जा रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसने उन करोड़ों भारतीयों को चिंता में डाल दिया है, जिनकी बचत को एलआईसी और एसबीआई ने वित्तीय जोखिम में डाल दिया है। यदि, जैसा कि आरोप लगाया गया है, अडानी समूह ने हेरफेर के माध्यम से अपने स्टॉक के मूल्य को कृत्रिम रूप से बढ़ाया है, और फिर उन शेयरों को गिरवी रखकर धन जुटाया है, तो एसबीआई जैसे बैंकों को उन शेयरों की कीमतों में गिरावट की स्थिति में भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, भारत के लोग इस बात से अवगत हैं कि मोदी के साथियों के उदय ने असमानता की समस्या को कैसे बढ़ा दिया है, लेकिन यह समझने की आवश्यकता है कि जनता की मेहनत की कमाई को अडानी समूह में कैसे निवेश किया गया। क्या आरबीआई यह सुनिश्चित करेगा कि वित्तीय स्थिरता के जोखिमों की जांच की जाए और उन्हें नियंत्रित किया जाए? क्या ये फोन बैंकिंग के मामले नहीं हैं?
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि सरकार मामले में सेंसरशिप लगाने की कोशिश कर सकती है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वैश्वीकरण के युग में हिंडनबर्ग प्रकार की रिपोर्ट, जो कॉपोर्रेट कुशासन पर ध्यान केंद्रित करती हैं, को दुर्भावनापूर्ण कहकर खारिज कर दिया जाता है?
--आईएएनएस
Next Story