बिज़नेस। केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स में एक बार फिर से संशोधन किया है। सरकार ने इस बार घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री पर विंडफॉल टैक्स को प्रति टन पर 200 रुपए घटाकर 1900 रुपए कर दिया है। विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन ATF के निर्यात पर भी 1 रुपए प्रति लीटर की दर से विंडफॉल टैक्स घटाया गया है। पहले यह 4.5 रुपए प्रति लीटर था और अब 3.5 रुपए हो गया है। इसके अलावा डीजल के निर्यात पर अतिरिक्त ड्यूटी को 6.5 रुपए लीटर से घटाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। इससे फैसले से रिलायंस, ONGC और GAIL जैसी कंपनियों को लाभ होगा।
आपको बता दें कि पेट्रोल के निर्यात से विंडफॉल टैक्स काफी पहले हटा दिया गया था। सरकार हर 15 दिन पर विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है और फिर उसके आधार पर दरों में संशोधन किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अब काफी नरमी आ चुकी है जिसको देखते हुए सरकार इन अतिरिक्त करों को कम कर रही है। मंगलवार को WTI क्रूड की कीमत 79.26 डॉलर प्रति बैरल चल रही है। वहीं, ब्रैंट क्रूड फिलहाल 84.62 डॉलर के करीब ट्रेड कर रहा है।विंडफॉल सरकारों द्वारा ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है जिन्हें कुछ खास परिस्थितियों के कारण त्वरित और बहुत अधिक लाभ मिल रहा हो। तेल कंपनियों के उदाहरण से समझें तो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल के दाम जब 110 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए थे तब तेल कंपनियों को बहुत फायदा हुआ था। इसी को देखते हुए दुनिया के कई देशों ने अपने यहां तेल कंपनियों पर अतिरिक्त कर लगा दिया था। भारत भी इन देशों में शामिल है। भारत के अलावा इटली और यूके ने भी ऐसा किया था। विंडफॉल टैक्स अस्थाई होता है। भारत ने पिछले साल 1 जुलाई को तेल कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। तब पेट्रोल और ATF के निर्यात पर 6 रुपए प्रति लीटर व डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगाया गया था।