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सरकार LIC IPO को लेकर निवेशकों में डर केवल 5 फीसदी हिस्सेदारी

Teja
22 Feb 2022 11:10 AM GMT
सरकार LIC IPO को लेकर निवेशकों में डर केवल 5 फीसदी हिस्सेदारी
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निवेशकों में इस बात का डर है कि लिस्टिंग के बावजूद सरकार इसके कामकाज में किसी तरह का दखल नहीं दे

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | LIC IPO को मेगा सक्सेस बनाने के लिए सरकार और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (Life Insurance Corporation) के अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं. पिछले दिनों दिग्गज निवेशकों का वर्चुअल रोड शो आयोजित किया गया था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस आईपीओ के संभावित बायर्स में एकबात का डर है. उन्हें डर है कि सरकार के पास कंट्रोलिंग स्टेक होने के कारण उनके इंट्रेस्ट के साथ किसी तरह का खिलवाड़ ना हो. दिग्गज निवेशकों ने एलआईसी के मैनेजमेंट से यह आश्वासन मांगा है कि सरकार की मंशा पूरी करने के सिलसिले में निवेशकों के इंट्रेस्ट के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं हो. सरकार एलआईसी में केवल 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने जा रही है. 95 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास ही होगी.

पिछले कुछ सालों में एलआईसी की मदद से सरकार ने कई पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज को बेल-आउट किया है. जो कंपनियां सक्सेफुल नहीं हैं, सरकार के खातिर एलआईसी उन्हें खरीदती है. यह उसके लिए असेट की तरह है. LIC ने डूबते हुए IDBI को मजबूरी में सरकार के कहने पर खरीदा था. अभी भी उसके पास 49 फीसदी के करीब हिस्सेदारी है. ऐसे में प्राइवेट निवेशकों और सरकार के बीच वैचारिक मतभेद संभव है.
निवेश और असेट क्वॉलिटी को लेकर पूछे गए सवाल
पिछले दिनों आयोजित वर्चुअल रोडशो में संभावित निवेशकों ने एलआईसी के इन्वेस्टमेंट और असेट क्वॉलिटी को लेकर कई तरह के सवाल पूछे. प्रॉक्सी एडवायजरी के फाउंडर श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा कि सरकार खुद को कभी रेग्युलेटर के रूप में पेश करती है तो कभी यह मैनेजर और शेयर होल्डर की तरह बिहेव करती है. ऐसे में वह खुद अपने पोजिशन को लेकर कंफ्यूज है. अलग-अलग मंत्रालय का अभी भी मानना है कि LIC पूरी तरह सरकारी है ऐसे में वे अपनी जरूरत के हिसाब से इसके फैसले प्रभावित कर सकते हैं. निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय है.
95 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास ही होगी
जैसा कि हम जानते हैं LIC की 100 फीसदी हिस्सेदारी अभी सरकार के पास है. आईपीओ आ जाने के बाद भी सरकार के पास 95 फीसदी हिस्सेदारी होगी. ऐसे में यह अल्पांश शेयरधारकों के लिए विचार का विषय है.
LIC का संचालन बोर्ड करता है सरकार नहीं- चेयरमैन
इस बात की चर्चा के बीच एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि निवेशकों को एकबात बताना चाहेंगे कि LIC का संचालन बोर्ड द्वारा किया जाता है. सरकार इसका संचालन नहीं करती है. दरअसल, कोल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रमोद अग्रवाल ने दिसंबर तिमाही के नतीजे के बाद कहा था कि कोल इंडिया अंडर वैल्युड इसलिए है क्योंकि सरकार कभी-कभी ऐसा फैसला लेती है जिसे कंपनी के शेयर होल्डर्स नहीं पसंद करते हैं.
कोल इंडिया की तरह ना हो जाए हाल
LIC के निवेशकों में भी इसी बात का डर है. कोल इंडिया की लिस्टिंग 2010 में हुई थी. अपने फील्ड में मोनोपॉली होने के बावजूद इस कंपनी की इक्विटी वैल्यु आधा हो चुकी है. इंडिपेंडेंट फाइनेंशियल सर्विस कंसल्टेंट अश्विन पारेख ने कहा कि चिल्ड्रन इन्वेस्टमेंट फंड ने इसी तरह का सवाल उठाते हुए कोल इंडिया से अपना निवेश निकाल लिया था. एलआईसी के साथ भी ऐसा संभव है.


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