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ऑनलाइन विज्ञापन बिक्री के मामले में गूगल विवादो के घेरे में, लगा फेसबुक के सीईओ की मिलीभगत का आरोप

Tulsi Rao
15 Jan 2022 7:02 AM GMT
ऑनलाइन विज्ञापन बिक्री के मामले में गूगल विवादो के घेरे में, लगा फेसबुक के सीईओ की मिलीभगत का आरोप
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वाद में आरोप लगाया गया है कि दोनों कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को समझौते की जानकारी थी और उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ऑनलाइन विज्ञापन बिक्री के मामले में गूगल एक बार फिर से विवाद में आ गया है. दरअसल, इस बार गूगल (Google) और फेसबुक (Facebook) के सीईओ पर मिलिभगत का आरोप लगाया गया है. गूगल के खिलाफ अमेरिका (America) के राज्य के नेतृत्व वाले एकाधिकार व्यापार विरोधी वाद के नए असंशोधित दस्तावेजों में ऑनलाइन विज्ञापन बिक्री में हेरफेर करने के लिए प्रतिद्वंद्वी फेसबुक के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया है. वाद में आरोप लगाया गया है कि दोनों कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) को समझौते की जानकारी थी और उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए.

दिसंबर 2021 में दायर किए गए मूल, संशोधित वाद में गूगल पर 'प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण' करने और सोशल नेटवर्किंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फेसबुक के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया. लेकिन इसका असंशोधित संस्करण अल्फाबेट (गूगल की मूल कंपनी) के सीईओ सुंदर पिचाई और फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की भागीदारी के बारे में विवरण प्रदान करता है. जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही फेसबुक ने अपना नाम बदलकर मेटा किया है.
वाद के अनुसार, फेसबुक की मुख्य संचालन अधिकारी (सीओओ) शेरिल सैंडबर्ग ने 2018 में सिलसिलेवार ईमेल के जरिए बातचीत में 'स्पष्ट किया कि यह रणनीतिक रूप से एक बड़ा सौदा है.' इस सौदे में फेसबुक के सीईओ भी शामिल थे. मुकदमे में फेसबुक के अधिकारियों के नाम अब भी संशोधित किए जा रहे हैं लेकिन उनके उपनाम स्पष्ट तौर पर दिख रहे हैं.
दायर वाद के अनुसार, जब दोनों पक्षों ने समझौते की शर्तों पर सहमति बना ली, तब 'टीम ने सीधे सीईओ जुकरबर्ग को संबोधित कर एक ईमेल भेजा. शिकायत के अनुसार, ईमेल में लिखा है, 'हस्ताक्षर करने के लिए लगभग तैयार हैं और आगे बढ़ने के लिए आपकी स्वीकृति की आवश्यकता है.' शिकायत में कहा गया है कि जुकरबर्ग निर्णय लेने से पहले सैंडबर्ग और उनके अन्य अधिकारियों से मिलना चाहते थे.
गूगल के प्रवक्ता पीटर शोटेनफेल्स ने एक बयान में कहा कि मुकदमे में 'कई गलतियां हैं और कानूनी विशेषता का अभाव है.' सितंबर 2018 में शिकायत में कहा गया कि दोनों कंपनियों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए. राज्यों की शिकायत के अनुसार कभी गूगल के विज्ञापन व्यवसाय की प्रमुख रहीं सैंडबर्ग और पिचाई ने व्यक्तिगत रूप से समझौते पर हस्ताक्षर किए.
मेटा के प्रवक्ता क्रिस एसग्रो ने शुक्रवार को कहा कि गूगल के साथ कंपनी के विज्ञापन समझौते और इस तरह के अन्य मंचों के साथ ऐसे ही समझौतों से विज्ञापन के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद मिली है। एसग्रो ने कहा, 'ये व्यावसायिक संबंध मेटा को प्रकाशकों को उचित रूप से क्षतिपूर्ति करते हुए विज्ञापनदाताओं को अधिक मूल्य प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सभी के लिए बेहतर परिणाम मिलते हैं।'
गूगल के शोटेनफेल्स ने कहा कि मुकदमे में यह आरोप कि पिचाई ने फेसबुक के साथ समझौते को मंजूरी दी, यह ठीक नहीं है. हम हर साल सैकड़ों समझौतों पर हस्ताक्षर करते हैं जिनके लिए सीईओ की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती है और यह समझौता भी इससे अलग नहीं था. उन्होंने कहा कि समझौता कभी भी गोपनीय नहीं था.
यह वाद टेक्सास अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन के नेतृत्व में दायर किया गया है, जिसमें अलास्का, अर्कांसस, फ्लोरिडा, इडाहो, इंडियाना, केंटुकी, लुइसियाना, मिसिसिपी, मिसौरी, मोंटाना, नेवादा, नॉर्थ डकोटा, प्यूर्टो रिको, दक्षिण कैरोलिना, साउथ डकोटा और यूटा के अटॉर्नी जनरल भी शामिल हैं.


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