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एफपीआई ने जुलाई में भारत में 43,804 करोड़ रुपये का निवेश किया

Rani Sahu
22 July 2023 6:21 PM GMT
एफपीआई ने जुलाई में भारत में 43,804 करोड़ रुपये का निवेश किया
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नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) का प्रवाह जुलाई में भी जारी है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि उभरते बाजारों में इस साल अब तक भारत में एफपीआई प्रवाह सबसे ज्‍यादा रहा है।
इस महीने 21 जुलाई तक एफपीआई ने देश में 43,804 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है। इस आंकड़े में स्टॉक एक्सचेंज, प्राथमिक बाजार और थोक सौदों के माध्यम से निवेश शामिल है।
एफपीआई वित्तीय, ऑटोमोबाइल, पूंजीगत सामान, रियल्टी और एफएमसीजी में पैसा लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में एफपीआई की लिवाली का शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी में बड़ा योगदान है, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।
हालाँकि, चिंता का विषय बढ़ता वैल्यूएशन है। बहुत ज्‍यादा वैल्‍यूएशन पर कुछ नकारात्मक ट्रिगर तेज गिरावट का कारण बन सकता है। विजय कुमार ने कहा कि ऐसा शुक्रवार को हुआ जब इंफोसिस और एचयूएल की नकारात्मक खबरों से सेंसेक्स 887 अंक गिर गया।
एसबीआई सिक्योरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि अमेरिकी डॉलर इंडेक्स अप्रैल 2022 के बाद पहली बार 100 डॉलर से नीचे फिसल गया। जब डॉलर इंडेक्स गिरता है, तो भारतीय रुपया मजबूत होता है और डॉलर कमजोर होता है, जिससे एफआईआई और एफपीआई से फंड प्रवाह बढ़ता है।
एसबीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि भारी प्रवाह से बाजार को ऊंची छलांग लगाने में मदद मिलती है।
पिछले सप्‍ताह, अस्थिरता सूचकांक भारत 10.68 पर समाप्त हुआ, जो दिसंबर 2019 के बाद सबसे कम था। रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्थिरता में यह गिरावट इशारा करती है कि बाजार में डर कम है और निवेशकों ने जोखिम लेने का मन बनाया हुआ है।
इसलिए, समग्र बाजार संरचना बहुत आशाजनक दिखती है क्योंकि चार्ट पर उच्‍चतम और न्‍यूनतम स्‍तर दोनों ऊपर की ओर बढ़ रहे हैं जिससे अस्थिरता में स्थिरता की स्थिति उत्‍पन्‍न हो रही है।
समय के साथ अस्थिरता की स्थिरता एक अच्छी बात है क्योंकि यह बाजार सहभागियों को अधिक सटीकता के साथ अधिकतम संभावित लाभ और हानि का अनुमान लगाने की अनुमति देती है।
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