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दोपहिया वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. दिसंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट आई,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दोपहिया वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. दिसंबर में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11 फीसदी की गिरावट आई, जबकि दिसंबर तिमाही में बिक्री में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
दिसंबर तिमाही में बिक्री में 25 फीसदी की गिरावट.
SIAM डेटा के मुताबिक, मोटर साइकिल, स्कूटर और मोपेड की बिक्री (Domestic two wheeler sales) में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इस डेटा के मुताबिक, दिसंबर महीने में एक मिलियन से ज्यादा दोपहिया वाहन बेचे गए. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच कुल 10.12 मिलियन यूनिट दोपहिया वाहन बेचे गए. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर के बीच दोपहिया वाहनों की बिक्री पिछले एक दशक के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है. 2021 में अप्रैल-दिसंबर के बीच 2020 के मुकाबले कम वाहन बेचे गए. 2020 में समान अवधि में 10.77 मिलियन यूनिट दो पहिया वाहन बेचे गए थे.
2021 में (अप्रैल-दिसंबर के बीच) 10.12 मिलियन यूनिट, 2020 में 10.77 मिलियन यूनिट, 2019 में 13.91 मिलियन यूनिट, 2018 में 16.53 मिलियन यूनिट, 2017 में 15.09 मिलियन यूनिट, 2016 में 13.49 मिलियन यूनिट, 2015 में 12.26 मिलियन यूनिट, 2014 में 12.12 मिलियन यूनिट, 2013 में 10.94 मिलियन यूनिट, 2012 में 10.38 मिलियन यूनिट और 2011 मे 9.97 मिलियन यूनिट दो पहिया वाहन बेचे गए. 2011 के बाद सबसे कम 2021 में बिक्री हुई है.
दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट के क्या मायने हैं
1>> इस दौरान जब लोन काफी सस्ता है और आसानी से उपलब्ध है, इसके बावजूद दोपहिया वाहनों की बिक्री एक दशक में सबसे कम है. लोन सस्ता होने के कारण EMI भी कम बनती है. ऐसे में इसे खरीदना आसान है. इसके बावजूद बिक्री में गिरावट यह दर्शाता है कि लोगों को अपनी भविष्य की कमाई पर भरोसा नहीं है. उन्हें कोरोना के कारण आर्थिक सुधार पर विश्वास नहीं है, जिसके कारण वे छोटी EMI का बोझ भी नहीं उठाना चाहते हैं. इसका मतलब है कि RBI भले ही मॉनिटरी पॉलिसी की मदद से आर्थिक सुधार में मदद की कोशिश करे, लेकिन इसके अपने लिमिटेशन हैं.
2>> रिपोर्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि 2018 में बिक्री में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई थी. उसके बाद से लगातार बिक्री में गिरावट जारी है. इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले से गिरावट के रास्ते पर है. नोटबंदी के फैसले का असर काफी गंभीर हुआ है. कोरोना से पूर्व कई आर्थिक जानकार कह रहे थे कि 2018 से ही देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट का सिलसिला जारी है.
3>> दोपहिया वाहन को मिडिल क्लास की सवारी कहा जाता है. अगर दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट आ रही है, इसका मतलब है कि मिडिल क्लास की हालत पतली हो रही है. वे आर्थिक रूप से जूझ रहे हैं.
4>> वाहनों की बिक्री में यह गिरावट दर्शाता है कि कोरोना का असर अलग-अलग क्लास के लोगों पर अलग-अलग है. पैसेंजर कार सेगमेंट में बिक्री पर कोई असर नहीं हुआ है. प्रीमियम कारों की बिक्री में तेजी आई है. एक्सपेंसिव रियल एस्टेट की बिक्री में उछाल आया है. क्रेडिट कार्ड की बिक्री पर किसी तरह का दबाव नहीं है. इससे साफ पता चलता है कि समाज के मजबूत वर्ग के लोगों पर कोरोना का असर कम हुआ है. वहीं, गरीब और मिडिल क्लास के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
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