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क्या आपने भी अपने किसी बैंक में PPF का एकाउंट खुलवाया हुआ है. अगर हां तो आप जानते होंगें कि केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 से PPF की ब्याज दर में संशोधन नहीं किया है. ऐसे में अब कल से नई तिमाही का समय शुरू होने से पहले सरकार आज इसके लिए ब्याज दरों का एलान कर सकती है. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार मौजूदा ब्याज दर 7.1 फीसदी से इसमें इजाफा कर सकती है. अपनी इस स्टोरी में हम आपको बताएंगे कि आखिर इसके लिए ब्याज की गणना कैसे होती है.
कई योजनाओं की ब्याज दर होनी है तय
देश में सरकार की ओर से चलाई जा रही कई बचत योजनाओं की सरकार हर तिमाही के शुरु होने से पहले उनकी ब्याज दरों का निर्धारण करती है. इस बार अब जुलाई से लेकर सितंबर तक की तिमाही के लिए के लिए इन बचत योजनाओं पर ब्याज दर तय होनी है. इसमें पीपीएफ ऐसी योजना है जिस पर सरकार ने अप्रैल 2020 से ब्याज दर में कोई संशोधन नहीं किया है. इस योजना पर ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बनी हुई है.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), और सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) सहित कई अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में पिछली दो तिमाहियों में बढ़ोतरी की गई है. रिजर्व बैंक द्वारा महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए पिछले साल मई से फरवरी तक रेपो रेट में 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसलिए, निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार आगामी समीक्षा के दौरान इन पर ब्याज दर बढ़ा सकती है.
कैसे PPF पर काउंट होता है ब्याज
यह जानने के लिए कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान PPF पर ब्याज में बढ़ोतरी होगी या नहीं, आपको यह समझने की जरूरत है कि ब्याज दर की गणना कैसे की जाती है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें सेकेंड्री मार्केट (द्वितीयक बाजार) में 10-वर्षीय सरकारी सिक्योरिटी के लिए होती हैं. केंद्र सरकार पिछले तीन महीनों की सरकारी प्रतिभूतियों के रिटर्न के आधार पर हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. ये 2011 में आई श्यामला गोपीनाथ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाता है, जिससे ब्याज दरें बाजार से जुड़ी रहें.
क्या बढ़ जाएगी ब्याज दरें
2016 में वित्त मंत्रालय द्वारा बनाए गए फॉर्मूले के आधार पर PPF में बेंचमार्क रिटर्न पर 25 आधार अंकों का अंतर होता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मार्च से मई 2023 तक बेंचमार्क 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड पर औसतन रिटर्न 7.3 प्रतिशत रही है. फॉर्मूला तो ये कहता है कि PPF की ब्याज दर संबंधित मैच्योरिटी की औसत 10-वर्षीय रिटर्न से 25 आधार अंक अधिक होगा. इस प्रक्रिया के अनुसार अगर देखा जाए तो PPF पर ये ब्याज दर आदर्श रूप से 7.55% होनी चाहिए.
लेकिन इसमें गिरावट आई है और जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान यह रिटर्न 7.3-7.5 फीसदी के बीच रही जबकि अप्रैल-जून तिमाही में यह घटकर 7-7.1 प्रतिशत के दायरे में आ गयी. बेंचमार्क में जिस तरह से गिरावट हुई है उससे संभावना कम ही है कि हम PPF ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी देखेंगे.
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