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अगर आपने अभी तक आईटीआर रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो जल्द कर लें. बिना जुर्माना या जुर्माने के आईटीआर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई को खत्म हो रही है. अगर आपने इस अवधि के दौरान कोई अतिरिक्त टैक्स चुकाया है, तो आप आईटीआर फाइलिंग के समय रिफंड का दावा कर सकते हैं। आपको बता दें, अगर आपका टैक्स देनदारी से ज्यादा है तो आप आईटीआर दाखिल करते समय रिफंड पाने के हकदार हैं और अतिरिक्त टैक्स रिफंड का दावा कर सकते हैं।हालांकि, इसके लिए आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय कुछ दस्तावेज संलग्न करने होंगे, जिससे पता चले कि आप कितना टैक्स देने के हकदार हैं और आपकी जेब से कितना अतिरिक्त पैसा खर्च हो रहा है। आइए हम आपको बताते हैं कि आप कैसे रिफंड पा सकते हैं।
जुर्माने और ब्याज से बचने के लिए समय पर रिटर्न दाखिल करें
सबसे पहले अगर आप टैक्स रिफंड चाहते हैं तो समय पर आईटीआर दाखिल करना बहुत जरूरी है। अगर आप समय पर आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं तो आपको विलंबित आयकर रिटर्न दाखिल करने पर भारी जुर्माना और ब्याज देना पड़ सकता है। साथ ही आपको ऐसे टैक्स स्लैब का चयन करना चाहिए जो आपके लिए बेहतर हो। बता दें, सरकार इस साल बजट में नया टैक्स स्लैब लेकर आई है. जिसके तहत लोगों की 7 लाख तक की आय टैक्स फ्री है. ऐसे में आपको अपने लिए बेहतर टैक्स स्लैब चुनना चाहिए। इसके अलावा अपने बैंक खाते की जानकारी भी सही से भरें ताकि आपको रिफंड मिलने में कोई परेशानी न हो।
आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर सत्यापित करें
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद आपको 30 दिन के अंदर इसे वेरिफाई करना होता है. यदि आप अपना विवरण सत्यापित नहीं करते हैं तो यह अमान्य हो जाएगा। वहीं, अगर आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा खत्म नहीं हुई है तो आप नया आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। अगर समय सीमा खत्म हो गई तो आप उस वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर रिटर्न दाखिल नहीं कर सकते।
आयकर धाराओं के तहत छूट का लाभ उठाएं
आईटीआर फाइलिंग के दौरान अधिक टैक्स बचाने के लिए आप आयकर अधिनियम के तहत कई धाराओं के तहत टैक्स बचा सकते हैं। इसमें आप पीएफ, पीपीएफ, एनपीएस, लाइफ इंश्योरेंस, होम लोन, म्यूचुअल फंड समेत कई तरह से टैक्स देनदारी से बच सकते हैं। इसके साथ ही चुकाई गई अतिरिक्त टैक्स की रकम भी वापस की जा सकती है.
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