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व्यापार घाटे में बढ़ोतरी के चलते 2022-23 में जीडीपी का 2% रहा करंट अकाउंट डिफसिट

Tara Tandi
28 Jun 2023 9:49 AM GMT
व्यापार घाटे में बढ़ोतरी के चलते 2022-23 में जीडीपी का 2% रहा करंट अकाउंट डिफसिट
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,व्यापार घाटा बढ़ने के कारण 2022-23 में चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 2 प्रतिशत हो गया है, जबकि 2021-22 में चालू खाता शेष में 1.2 प्रतिशत का घाटा हुआ था. 2022-23 में 265.3 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रहा है, जो 2021-22 में 189.5 अरब डॉलर का व्यापार घाटा रहा, जिसके कारण चालू खाता घाटे में उछाल आया है. आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 में 67 अरब डॉलर का चालू खाता घाटा है, जो 2021-22 में 38.7 अरब डॉलर था.
हालांकि, चौथी तिमाही में चालू खाते का घाटा कम हुआ है। व्यापार घाटे में कमी और सेवा निर्यात में उछाल के कारण वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा कम हो गया है। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में चालू खाता घाटा कम होकर 1.3 अरब डॉलर या 0.2 फीसदी पर आ गया है. जबकि 2022-23 की तीसरी तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का 2 फीसदी यानी 16.8 अरब डॉलर रहा. जबकि इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में यह घाटा 13.4 अरब डॉलर था.इस आंकड़े को जारी करते हुए आरबीआई ने कहा है कि तिमाही दर तिमाही चालू खाते के घाटे में कमी की वजह व्यापार घाटे में गिरावट है. तीसरी तिमाही में व्यापार घाटा जहां 71.3 अरब डॉलर था, वहीं चौथी तिमाही में घटकर 52.6 अरब डॉलर रह गया।
आंकड़ों के मुताबिक, चौथी तिमाही में शुद्ध विदेशी निवेश 6.4 अरब डॉलर रहा, जो तीसरी तिमाही में 2 अरब डॉलर था. लेकिन एक साल पहले के 13.8 अरब डॉलर से कम। वहीं, 2022-23 में एफडीआई प्रवाह 28 अरब डॉलर रहा है, जो 2021-22 के 38.6 अरब डॉलर से कम है। 2022-23 की चौथी तिमाही में शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों से 1.7 अरब डॉलर की निकासी हुई है. जबकि एक साल पहले 15.2 अरब डॉलर का आउटफ्लो देखा गया था.
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