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मोदी सरकार की विनिवेश (Disinvestment) योजना का लाभ उठाने के लिए अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ने कमर कस ली है.
नई दिल्ली. मोदी सरकार की विनिवेश (Disinvestment) योजना का लाभ उठाने के लिए अरबपति अनिल अग्रवाल की कंपनी ने कमर कस ली है. वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड ने रविवार को बताया कि बीपीसीएल और शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) जैसे बड़ी सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 75 हजार करोड़ का बड़ा फंड तैयार कर रही है.
मेटल और माइनिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी निजी कंपनी वेदांता को अब सरकार की ओर से बिड जारी किए जाने का इंतजार है. कंपनी का कहना है कि इन दोनों कंपनियों में करीब 12 अरब डॉलर का निवेश किया जा सकता है. अनिल अग्रवाल ने भी कहा है कि उनकी कंपनी 10 अरब डॉलर का फंड तैयार कर रही है. इसका इस्तेमाल खुद की कंपनी में निवेश के साथ अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने में भी किया जाएगा. सरकार ने पिछले दिनों BPCL or SCI में हिस्सेदारी बेचने की बोली को टाल दिया था और अभी नई तारीखों का एलान भी नहीं किया है. अनिल अग्रवाल ने कहा, हमारी तैयारियां पूरी हैं और अब सरकार की घोषणाओं का इंतजार है.पहले भी खरीद चुके हैं सरकारी कंपनियां
अग्रवाल को सरकारी कंपनियां खरीदने और उसे मुनाफे में लाने का लंबा अनुभव है. उनकी कंपनी वेदांता ने 2001 में भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (BALCO) और 2002-03 में हिन्दुस्तान जिंक को खरीदा था. इसके अलावा 2007 में मित्सुई एंड कंपनी से सेसा गोआ लिमिटेड और 2018 में इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड (ESL) को खरीदा था. कंपनी ने इस बार 10 साल का लंबा प्लान तैयार किया है.
फिर सफलता दोहराने की तैयारी
अनिल अग्रवाल एक बार फिर घाटे में चल रही कंपनियों को खरीदकर उसे मुनाफे में बदलने का दांव चलने के लिए तैयार हैं. चूंकि, मोदी सरकार ने दर्जनों कंपनियों को अपनी प्रोफाइल से निकाल फेंकने का इरादा कर लिया है, लिहाजा वेदांता इस अवसर का पूरा लाभ उठाने की कोशिश में है. उन्होंने कहा, सरकार ये कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर दिशा देगा और निजी क्षेत्र को भी ज्यादा मौके मिलेंगे.
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