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विदेशों से चंदा पाने वाले एनजीओस के नियमों में किया गया बदलाव

Tara Tandi
26 Sep 2023 7:08 AM GMT
विदेशों से चंदा पाने वाले एनजीओस के नियमों में किया गया बदलाव
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विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत एनजीओ को अब विदेशी फंड से बनाई गई चल और अचल संपत्तियों की जानकारी देनी होगी। गृह मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसमें कहा गया कि विदेशों से फंडिंग पाने वाले एनजीओ के लिए नियम बदले गए हैं. इसके साथ ही एनजीओ के लिए हर वित्तीय वर्ष के अंत (31 मार्च) को अपनी संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य कर दिया गया है। कानून के मुताबिक, विदेशी फंड प्राप्त करने वाले सभी एनजीओ को एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है।
गृह मंत्रालय ने कानूनों में क्या बदलाव किये?
गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान विनियमन नियम, 2010 के आगामी फॉर्म एफसी-4 में दो खंड जोड़े हैं। (बीए) इसमें एनजीओ को हर वित्तीय वर्ष के अंत में अपनी चल संपत्ति के बारे में जानकारी देनी होगी। (बीबी) जिसमें एनजीओ को हर वित्तीय वर्ष के अंत में अपनी अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी। आपको बता दें, फॉर्म एफसी-4 उन एनजीओ द्वारा भरा जाता है जो एफसीआरए के तहत पंजीकृत हैं।
एफसीआरए लाइसेंस की वैधता बढ़ाई गई
गृह मंत्रालय ने ऐसे एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया है। जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को समाप्त हो रहे थे और उनका नवीनीकरण होना बाकी था। गृह मंत्रालय विदेशी फंड प्राप्त करने वाले एजीओ के लिए नियम लगातार सख्त कर रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में भारतीय एनजीओ को विदेशों से 55,449 करोड़ रुपये मिले हैं।
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