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कोल इंडिया के चेयरमैन बोले- पावर सेक्टर को मुहैया कराएंगे अपने हिस्से का कोयला
Kajal Dubey
27 Jun 2022 6:50 PM GMT
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कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने देश के पावर सेक्टर को सीआईएल की तरफ से कोयले की आपूर्ति को लेकर आश्वस्त किया है। सीआईएल के चेयरमैन ने कहा है कि कंपनी आने वाले महीनों में पावर सेक्टर को अपने हिस्से की कोयला आपूर्ति करने के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। सीआईएल चेयरमैन ने यह भी कहा है कि बिजली उत्पादक कंपनियों के लिए कोयले का भंडार समय पर बनाना काफी महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि कोल इंडिया के चेयरमैन ने ये बातें देश में आने वाले समय में पहुंचने वाले मौनसून को देखते की है।
ज्ञात है कि इस साल गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही तापीय बिजलीघरों में कोयले की कमी के कारण देश को बिजली संकट से जूझना पड़ा था। उस समय देश के कई राज्यों में जमकर लोड शेडिंग देखने को मिली थी।
सीआईएल चेयरमैन अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा है कि कोयले की उपलब्धता के समय बिजली घरों के संयंत्रों में ईंधन भंडार तैयार करना महत्वपूर्ण होगा। हम आने वाले महीनों में बिजली क्षेत्र को अपने हिस्से के कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं।
अग्रवाल ने कहा है कि कंपनी का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कोयला उत्पादन पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 3.5 करोड़ टन अधिक रखने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने यह कहते हुए आश्वस्त किया है कि हम कोयले का उत्पादन बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
बीते दिनों मीडिया में चल रही कोयले की कमी खबरों पर टिप्पणी करने हुए सीआईएल चेयरमैन ने कहा, यह कहना 'उपयुक्त' नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी के खदान क्षेत्रों में करीब 4.6 करोड़ टन कोयले का भंडार है, जबकि बिजलीघरों में करीब 2.4 करोड़ टन कोयला हैं। इसके अलावा छह करोड़ टन से अधिक कोयले का स्टॉक गोदामों, निजी वॉशरीज, बंदरगाह जैसे जगहों पर है, जहां से इन्हें इन्हें बिजलीघरों तक पहुंचाने का काम जारी है।
अग्रवाल ने कहा कि हाल के महीनों में कोयले की कमी से जुड़ी जो चुनौतियां देखने को मिली हैं वे मांग और आपूर्ति में अंतर तीन कारणों से हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर के बाद उद्योग-धंधे खुलने से देश में बिजली की मांग एकदम से बढ़ गयी थी। दूसरा, देश के पूरे उत्तरी भाग में गर्मी काफी बढ़ गयी, जिसके कारण मांग काफी बढ़ गयी थी।
तीसरा कारण था अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत पिछले कुछ महीने से ऊपर होना। इससे अंतरराष्ट्रीय कोयला आधारित बिजली संयंत्र ईंधन आयात करने से बच रहे थे। चेयरमैन ने कहा, ''पहली तिमाही हमारे लिये काफी अच्छी रही। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में सालाना आधार पर उत्पादन में करीब 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 10.8 करोड़ टन रहा है। साथ ही, बिजली क्षेत्र को आपूर्ति 10.2 करोड़ टन रही है जो 16.7 प्रतिशत से अधिक है।
अग्रवाल ने कहा कि कोल इंडिया ने वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली क्षेत्र को 56.5 करोड़ टन कोयला आपूर्ति का लक्ष्य रखा है और कंपनी इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। आपको बता दें कि देश में कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। कोल इंडिया बिजली क्षेत्र को कोयला आपूर्ति करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है।
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