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Adani Green Energy की इस योजना पर बोर्ड की मुहर

Apurva Srivastav
6 July 2023 1:04 PM GMT
Adani Green Energy की इस योजना पर बोर्ड की मुहर
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अडानी समूह (Adani Group) की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy Ltd.) QIP के जरिए 12,300 करोड़ रुपए जुटाने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी के बोर्ड ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. इस खबर सामने आते ही अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर भी ग्रीन लाइन पकड़कर ऊपर की तरफ बढ़ने लगे हैं. आज यानी 6 जुलाई को कंपनी के शेयर 1.03% की बढ़त के साथ 958 रुपए पर बंद हुए. अडानी समूह की इस कंपनी का शेयर अपने 52 वीक के हाई लेवल 2,572 से काफी नीचे ट्रेड कर रहा है.
इस लिस्ट में शामिल
अडानी ग्रीन एनर्जी ने बोर्ड ने QIP यानी Qualified Institutional Placement के जरिए फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है. इसी के साथ अडानी ग्रीन भी अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन की लिस्ट में शामिल हो गई है. अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन QIP के जरिए 12,500 करोड़ और 8,500 करोड़ रुपए जुटाने जा रही हैं. बता दें कि पिछले हफ्ते, अमेरिकी फर्म GQG पार्टनर्स ने अडानी ग्रीन में अपनी हिस्सेदारी 3.50% से बढ़ाकर 6.32% कर दी थी, इसकी वैल्यू 1.17 बिलियन डॉलर (9,600 करोड़ रुपए) है.
सुधर रही वित्तीय सेहत
कंपनी की वित्तीय सेहत की बात करें, तो मार्च में खत्म तिमाही में अडानी ग्रीन का नेट प्रॉफिट बढ़कर 507 करोड़ रुपए हो गया था, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 121 करोड़ था. इसी तिमाही में कंपनी का रिवेन्यु 78% बढ़कर 2,598 करोड़ रुपए हो गया. माना जा रहा है कि QIP को मंजूरी मिलने के बाद अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है. गौरतलब है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की लगभग सभी कंपनियों के शेयर आसमान से जमीन पर आ गए थे. इसमें अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. ट्रांसमिशन का शेयर आज भी 0.19% की गिरावट के साथ बंद हुआ है.
क्या होता है QIP?
Qualified Institutional Placement (QIP) बाजार से रकम जुटाने का एक तरीका है, जिसे कंपनियां इस्तेमाल करती रहती हैं. QIP के लिए बाजार नियामक SEBI से मंजूरी लेनी होती है. QIP के लिए कंपनी नियमों के मुताबिक शेयर का भाव तय करती है. QIP का भाव शेयर के 2 हफ्ते के औसत भाव से कम नहीं रखा जा सकता. QIP के जरिएइंश्योरेंस कंपनियों, वित्तीय संस्थानों को शेयर जारी हो सकते हैं. इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों और वेंचर्स कैपिटल फंड्स को भी शेयर जारी किए जा सकते हैं.
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