जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Indian Railways Plan: अगर आप भी अक्सर राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस और दूरंतो एक्सप्रेस से सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. आने वाले समय में ये तीनों ही प्रीमियम ट्रेनें पुराने समय की बात हो जाएंगी. जी हां, रेलवे इन तीनों ही प्रीमियम ट्रेनों को फेज आउट करने का प्लान कर रहा है. रेलवे ने आने वाले समय में 160 से 240 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को लेकर रोडमैप तैयार किया है.
महानगरों को वंदे भारत से जोड़ने का लक्ष्य
रेलवे का दावा है कि आने वाले दो साल में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी. रेलवे ने अमृत काल में देश के महानगरों और बड़े शहरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सेमी हाई स्पीड ट्रेन को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी, सिगनलिंग सिस्टम, ट्रैक और रोलिंग स्टॉक सब कुछ बदलने की जरूरत होगी.
160 से 260 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार
सेमी हाई स्पीड ट्रेन से कम समय में लंबी दूरी की यात्रा की जा सकेगी. रेलवे अधिकारी ने बताया कि ICF और LHB कोच पुरानी टेक्नोलॉजी हो गई. राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और सुपरफास्ट ट्रेन को वंदे भारत एक्सप्रेस से रिप्लेस करने का प्लान है. वंदे भारत की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा से लेकर 260 किमी प्रति घंटा तक की है.
75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी
सूत्रों का कहना है कि रेलवे आने वाले समय में 524 वंदे भारत ट्रेन के सेट बनाने पर काम कर रहा है. सरकार इस पर 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने जा रही है. 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी है. फिलहाल दिल्ली से कटरा और दिल्ली से बनारस के बीच चल रही वंदे भारत ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है. नई वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है.
इसके बाद वंदे भारत के जिन वर्जन पर काम चल रहा है उनकी अधिकतर रफ्तार 200, 220, 240 और 260 किमी प्रति घंटा तक होगी. अधिकारी के अनुसार वंदे भारत के हर नए वर्जन के साथ इसकी रफ्तार, तकनीक और यात्री सुविधाओं में वृद्धि होगी.
दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-कोलकाता रूट पर 180 किमी से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए काम शुरू हो चुका है. दोनों रूट पर ट्रैक का अपग्रेडेशन पूरा हो गया है. इसके अलावा रूट में आने वाले पुलों को मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपये की राशि पहले ही मंजूर हो चुकी है. आपको बता दें ये दोनों रेलवे रूट देश में सबसे ज्यादा बिजी रूट हैं.