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अहमदाबाद (आईएएनएस)| इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद (आईआईएम-ए) ने अपना 58वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इसमें चीफ गेस्ट इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति थे। समारोह रविवार को लुई कान प्लाजा में आयोजित किया गया था, जो 1974 से सभी ग्रेजुएट छात्रों के लिए स्थान रहा है।
इस साल इंस्टीट्यूट से कुल 597 छात्रों ने ग्रेजुएशन की, जिनमें से 380 छात्र दो साल के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीजीपी) से, 48 छात्र दो साल के खाद्य और कृषि व्यवसाय प्रबंधन (पीजीपी-एफएबीएम) से, 140 छात्र एक साल के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एग्क्यूटिव्स (पीजीपीएक्स) से और 29 पीएचडी प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (पीएचडी) से हैं।
इन बैचों के पास होने के साथ, आईआईएम-ए के पूर्व छात्रों का नेटवर्क अब बढ़कर 41,875 हो गया है, जो दुनिया भर में फैला हुआ है। इंस्टीट्यूट अप्रैल में 2023-2024 की पीजीपीएक्स क्लास और जून 2023 में पीजीपी और पीजीपी-एफएबीएम क्लासिस का स्वागत करने की तैयारी कर रहा है।
इस बीच, आईआईएम-ए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पंकज आर. पटेल, आईआईएम-ए के निदेशक प्रोफेसर भरत भास्कर, बोर्ड के सदस्य और संकाय सदस्य भी रविवार के कार्यक्रम में शामिल हुए।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, नारायण मूर्ति ने कहा: एक नेता का सबसे शक्तिशाली साधन साहस, बलिदान, आशा, आत्मविश्वास, नवाचार, कड़ी मेहनत, सच्चाई, निष्पक्षता, पारदर्शिता, जवाबदेही, तपस्या, अनुशासन है। जब आप शीर्ष पर होते हैं और आपके पास शक्ति और धन होता है, तब आपका व्यवहार कैसा है, यहीं ही आपका असली करेक्टर होता है। ऐसे समय में, अनुग्रह, शिष्टाचार और दूसरों के प्रति दी गई विनम्रता आपके वास्तविक चरित्र को दर्शाती है।
मूर्ति ने याद किया कि कैसे उन्होंने इन्फोसिस का निर्माण किया और वैल्यू सिस्टम को सालों तक चलाया।
उन्होंने कहा, कोई जाति, धर्म, सामाजिक पृष्ठभूमि, आर्थिक पृष्ठभूमि मायने नहीं रखती है। हमारे संगठन में केवल योग्यता मायने रखती है। हमारे पास सभी के लिए एक ही लंच एरिया और शौचालय है। हम भेदभाव नहीं करते हैं। हमने अपनी नैतिकता और वैल्यू सिस्टम के लिए लड़ाई लड़ी है, हमने इसके लिए बहुत कुछ बलिदान किया है, हमने अपने मूल्य प्रणाली के कारण बहुत कुछ पाया भी है।
भविष्य में, जब आपके सामने मुसीबतें आए, तो ये आदर्श आपकी मदद करेंगे। ये आदर्श फिनिश लाइन को परिभाषित करते हैं। जब तक ये आदर्श आपका दूसरा स्वभाव नहीं बन जाते, तब तक आपकी यात्रा और मिशन समाप्त नहीं होगा। भारत के लिए मेरी आशा है कि आप भविष्य के कॉपोर्रेट लीडर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी उम्र के लिए, सभी मौसमों के लिए, सभी क्षेत्रों के लिए, सभी व्यवसायों के लिए और सभी लोगों के लिए हमारे देश का नेतृत्व उन आदर्शो के अनुसार किया जाएगा जिन्हें मैंने आज निर्धारित किया है। ओरिजनल बने रहे। साहसी बनें।
आईआईएम-ए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष पंकज आर. पटेल ने भी संबोधित करते हुए कहा: इस संस्थान के छात्रों के रूप में आपके पास जो प्रतिभा है और जो मूल्य है, उसे आप संस्थानों में लाएंगे। आपसे बहुत उम्मीदें हैं।
उन्होंने छात्रों को उनके द्वारा प्राप्त ज्ञान पर आगे बढ़ने और जिज्ञासु बने रहने और नए विचारों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
आईआईएम-ए के निदेशक प्रोफेसर भरत भास्कर ने अनुसंधान, प्रभावशाली शिक्षण और विभिन्न विषयों में ज्ञान सृजन में सार्थक योगदान के माध्यम से उत्कृष्टता को बढ़ावा देने पर संस्थान के फोकस के बारे में बात की।
--आईएएनएस
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Rani Sahu
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