3 कंपनियों ने गो फर्स्ट को खरीदने के लिए इच्छा जताई, बढ़ सकती है डेडलाइन
तीन कंपनियों ने दिवालिया घरेलू एयरलाइन गो फर्स्ट को खरीदने में रुचि दिखाई है। शारजहां की विमानन कंपनी स्काई वन, अफ्रीका की सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स और घरेलू कंपनी स्पाइस जेट भी गो फर्स्ट का अधिग्रहण करने के इच्छुक हैं। यह कदम तब देखा गया जब समय सीमा समाप्त हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका …
तीन कंपनियों ने दिवालिया घरेलू एयरलाइन गो फर्स्ट को खरीदने में रुचि दिखाई है। शारजहां की विमानन कंपनी स्काई वन, अफ्रीका की सैफ्रिक इन्वेस्टमेंट्स और घरेलू कंपनी स्पाइस जेट भी गो फर्स्ट का अधिग्रहण करने के इच्छुक हैं। यह कदम तब देखा गया जब समय सीमा समाप्त हुए एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका था। ईटी की एक रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं.
आगे बढ़ेगी डेडलाइन!
पूरी प्रक्रिया देख रहे शैलेन्द्र अजमेरा को इन कंपनियों से पूछताछ मिली। जानकारों के मुताबिक ये सब पिछले 10 दिनों में हुआ. गो फर्स्ट को खरीदने की इच्छा जताने वाली कंपनियों ने समयसीमा भी मांगी है। कमेटी आने वाले दिनों में तय करेगी कि समय सीमा बढ़ाई जाए या नहीं। ध्यान दें कि अभी तक किसी भी पार्टी ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
गो फर्स्ट के लिए बोलियां मंगाने की आखिरी तारीख 22 नवंबर 2023 थी। लेकिन तब तक किसी भी कंपनी की तरफ से इस खरीदने की इच्छा नहीं जताई गई थी। ना ही कोई प्रस्ताव जमा करवाया गया था। बता दें, कंपनी की सभी फ्लाइट्स 4 फरवरी तक रद्द हैं।
Pratt & Whitney पर गंभीर आरोप
कर्जदाताओं और दिवालिया प्रक्रिया को देख रही संस्था को बोलियों से बेहतर रिकवरी की उम्मीद है। गो फर्स्ट ने इंजन देने वाली कंपनी Pratt & Whitney से 1 बिलियन डॉलर की मांग की है। इस अमेरिकी कंपनी पर आरोप है कि गो फर्स्ट के जहाजों में समय रहते इंजन नहीं बदले गए। जिस वजह से आधे से अधिक विमान चलने के योग्य ही नहीं रहे। इसलिए आज एयरलाइन कंपनी की यह दुर्दशा हुई है।
कर्जदाताओं ने नए निवेशकों की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है।