महिला एवं बाल विकास निगम और जीविका की संयुक्त तत्वावधान में सखी वार्ता कार्यक्रम आयोजित
लखीसराय। सदर प्रखंड जीविका कार्यालय में महिला एवं बाल विकास निगम और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में नई चेतना अभियान पहल बदलाव की ओर अंतर्गत "सखी वार्ता" कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम जीविका दीदी के द्वारा जीविका में जुड़ने से पहले और बाद के जीवन के बारे में अपना अनुभव बताया। इस दौरान कहा कि …
लखीसराय। सदर प्रखंड जीविका कार्यालय में महिला एवं बाल विकास निगम और जीविका के संयुक्त तत्वावधान में नई चेतना अभियान पहल बदलाव की ओर अंतर्गत "सखी वार्ता" कार्यक्रम आयोजित किया गया। सर्वप्रथम जीविका दीदी के द्वारा जीविका में जुड़ने से पहले और बाद के जीवन के बारे में अपना अनुभव बताया। इस दौरान कहा कि जीविका में जुड़ने से पहले कर्ज में डूबे रहते थे, समय से रुपया नहीं देने पर महाजन के द्वारा गाली गलौज, दुर्व्यवहार किया जाता था। घर से बाहर निकलने पर घर वालों से ताने सुनने को मिलते थे। एक एक रुपए के लिए तरसते रहते थे, लेकिन जीविका में जुड़ने के बाद महाजन से छुटकारा मिला। स्वाबलंबन के लिए जीविका के माध्यम से रुपया मिलने लगी। स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण मिलने लगा,योजना के बारे में जानकारी मिलने लगी । घर वाले भी खुश रहने लगे। इस प्रकार जीविका में जुड़ने से लाभ मिला है।
जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं ,लैंगिक आधरित हिंसा व असमानता के विरुद्ध जागरुकता के लिए सखी वार्ता का आयोजन किया गया है। एक दूसरे से वार्ता होने पर बहुत सारी समस्या निकल कर बाहर आती है । जिसको हमसभी मिलकर पहल कर सकते हैं। वार्ता के क्रम में बताया गया कि लैंगिक हिंसा के विरुद्ध गांव,पंचायत स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है । दूसरी ओर किसी भी प्रकार की हिंसा होने पर वन स्टॉप सेंटर में जाकर शिकायत दर्ज़ करना है। बिना जीविका दीदी के सहयोग से इतना बड़ा अभियान सफल नहीं हो सकता है। इसलिए जीविका दीदी को बढ़ चढ़कर भाग लेना है । साथ ही इसकी शुरुआत घर से ही करना है। लिंग आधरित हिंसा, दहेज प्रताड़ना, से संबंधित शिकायत या महिलाओं से संबंधित किसी भी प्रकार के समस्या के लिए जिला हब फॉर इंपावरमेंट ऑफ वूमेन कार्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। जिसे सम्बंधित विभाग से समन्वय कर दूर किया जा सकता है। प्रखंड समन्वयक उड़ान राज अंकुश शर्मा ने बताया कि बच्चा कौन है पर आधारित बच्चे का चार प्रमुख अधिकार के बारे में बताया गया। साथ ही बाल श्रम, बाल विवाह के नुकसान पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया। इस दौरान बच्चों के लिए चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर जानकारी दिया गया। केंद्र प्रशासक पूनम कुमारी ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर में एक ही छत के नीचे कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। जैसे आपातकालीन सहायता, चिकत्सीय सहायता, मनोसामाजिक परामर्श, कानूनी सहायता एवम अल्पकालीन आश्रय की भी व्यवस्था किया गया है। अब महिलाओं को डर कर रहने की आवश्यकता नहीं है। हिंसा से पीड़ित महिला टॉल फ्री नंबर 181 से भी मदद ले सकते हैं। प्रखण्ड परियोजना प्रबंधक प्रभात कुमार ने बताया कि बहुत जल्द जीविका दीदी अधिकार केंद्र का संचालन किया जायेगा। जो महिला के लिए हेल्प डेस्क की तरह कार्य करेगा। किसी भी प्रकार की जानकारी या हिंसा से सम्बन्धित मदद की आवश्यकता होने पर जीविका दीदी अधिकार केंद्र मदद करेगा। अंत में हिंसा, बाल विवाह, बाल श्रम को लेकर स्वेच्छापूर्ण सामूहिक शपथ लिया गया। मौके पर लैंगिक विशेषज्ञ नवीन कुमार, एसआई रेणु कुमारी, क्षेत्र समन्वयक संजय कुमार, सामुदायिक समन्वयक संतोष कुमार, लेखापाल रंजीत कुमार, बुककीपर मनीष कुमार सहित दर्जनों जीविका दीदी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।