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केंद्रीय हो या राज्य के विश्वविद्यालय या इनसे सम्बद्ध महाविद्यालय, इन सभी से हर साल निकलने वाले लाखों स्नातकों और परास्नातकों की नीयोजनीयता (Emploayability) को लेकर हमेशा से चर्चाएं पॉलिसी बनाने से लेकर जॉब मार्केट में कुशल जनशक्ति (Skilled Manpower) की बनी हुई कमी के स्तरों पर होती रही हैं। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में इंडस्ट्री-एकेमेडिया के बीच तालमेल बिठाने, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने, नीयोजनीयता को बढ़ावा देने और अंतत: आर्थिक विकास में बेहतर योगदान देने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इस क्रम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने बड़ी पहल की है।
हाल ही में उच्च शिक्षा संस्थानों और उद्योगो में बेहतर समन्वय स्थापित करने के उदेश्य से लिंकेज सिस्टम बनाने को लेकर ड्राफ्ट गाइंडलाइंस 13 जुलाई 2023 को जारी की। इसके साथ ही आयोग ने इन ड्राफ्ट दिशा-निर्देशों पर सभी (शिक्षा संस्थान, उद्योग, फैकल्टी, प्रोफेशनल्स, आदि) से सुझाव और प्रतिक्रियाएं आमंत्रित भी की हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों के लिए बनाई गई यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री लिंकेज सिस्टम पर सुझाव यूजीसी द्वारा जारी की गई ईमेल आइडी [email protected] पर 31 जुलाई 2023 तक भेज जा सकते हैं।
यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री लिंकेज सिस्टम पर UGC की ड्राफ्ट गाइडलाइंस की मुख्य बातें
रिसर्च एण्ड डेवेलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए राज्य स्तर पर यूनिवर्सिटी और इंडस्ट्री के क्लस्टर बनाए जा सकते हैं, जिसका नेतृत्व उस क्षेत्र के केंद्र या राज्य के सरकारी संस्थान करेंगे।
यह क्लस्टर उस रीजन के MSME समूहों, MHI, राज्य सरकारों के उद्योग विभाग के सहयोग से तकनीकी (स्किल) जरूरतों की पहचान करेगा।
हर यूनिवर्सिटी या संस्थान एक इंडस्ट्री रिलेशन सेल (IRC) का गठन करेंगे। इसी प्रकार, हर उद्योग या MSME समूह भी एक यूनिवर्सिटी रिलेशन सेल (URC) बनाएंगे।
हर क्लस्टर स्थानीय समस्याओं के अनुरूप तकनीकी केंद्रित प्रणाली का विकास करेंगे और इसे स्टूडेंट्स को प्रोजेक्ट के तौर पर असाइन करेंगे।