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हमारा देश गांवों का देश है। यहां पंचायती राज व्यवस्था का सुदृढ़ होना बहुत जरूरी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांवों की दशा सुधारने के लिए कहा था कि अगर पंचायती राज संस्थाएं उचित तरीकों से काम करती हैं और आम जन विकास के कामों में भाग लेता है, तो देश में माओवादी खतरे …
हमारा देश गांवों का देश है। यहां पंचायती राज व्यवस्था का सुदृढ़ होना बहुत जरूरी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांवों की दशा सुधारने के लिए कहा था कि अगर पंचायती राज संस्थाएं उचित तरीकों से काम करती हैं और आम जन विकास के कामों में भाग लेता है, तो देश में माओवादी खतरे का मुकाबला भी किया जा सकता है।
पंचायतें लोकतंत्र की प्रथम सीढ़ी और आधार होती हैं। गांवों की दशा सुधारने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से ज्यादा जिम्मेदारी पंचायतों की होती है। पंचायतों से यही उम्मीद होती है कि वे अपने-अपने गांव में अच्छा बदलाव और विकास करेंगी और केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बिना किसी भेदभाव के काम करेंगी। इसलिए पंचायतों को और मजबूत किया जाना चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा