हाल ही में फ्रांस में एक महिला को लेकर आया फैसला काफी सुर्खियों में रहा. वैलेरी बेकोट नाम की इस महिला ने अपने रेपिस्ट पति की हत्या कर दी थी जिसके बाद इस महिला पर सजा का खतरा मंडरा रहा था लेकिन कोर्ट ने इस मामले में हालातों को देखते हुए वैलेरी को रिहा करने का आदेश दिया था जिससे इस फैसले का कई लोगों ने स्वागत किया.
वैलेरी बेकोट को बचपन से ही कई परेशानियों से जूझना पड़ा. उनके मां-बाप साल 1992 में अलग हो गए थे. वैलेरी की मां को शराब की लत थी और वो काफी हिंसक भी थी. वैलेरी की मां एक बिजनेसवुमेन थी और अपने पति से अलग होने के बाद उनका अफेयर डेनियल पोलेट के साथ शुरु हो गया था.
डेनियल दिसंबर 1992 में वैलेरी और उसकी मां के साथ रहने लगा. डेनियल की करतूतें तब सामने आई जब उसने 12 साल की वैलेरी का रेप कर दिया था. उसे साल 1996 में चार सालों की सजा सुनाई गई थी. हालांकि वो ढाई साल बाद एक बार फिर वैलेरी के घर आ गया था और एक बार फिर वो वैलेरी के साथ संबंध बनाने लगा.
वैलेरी 17 साल की उम्र में गर्भवती हो चुकी थी और उनकी शराबी मां ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था. इसके बाद डेनियल ने वैलेरी के साथ शादी रचा ली. वैलेरी और डेनियल के चार बच्चे हैं. डेनियल और वैलेरी की शादी 18 सालों तक चली और साल 2016 में वैलेरी ने अपने पति की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
दरअसल, डेनियल वैलेरी को वेश्यावृत्ति के धंधे में उतार चुका था और 14 सालों तक वे इस धंधे में रही. वो अक्सर उसके सर पर बंदूक रखकर उसे मारने की धमकी भी देता था. वैलेरी सालों-साल तक पहले सौतेले पिता के तौर पर और फिर पति के तौर पर डेनियल द्वारा दी गई पीड़ा को सहती रही हालांकि एक वजह के चलते उसने डेनियल को मारने का फैसला किया.
वैलेरी के वकील ने कोर्ट में कहा था कि उसे अपने पति को मारने की प्रेरणा इस बात से मिली कि वो पिछले 25 सालों से इस शख्स की हिंसा का शिकार थी लेकिन जब वैलेरी को पता चला कि डेनियल उसकी बेटी को भी वेश्यावृत्ति के धंधे में घुसाने की कोशिश में है तब उसने डेनियल को मारने का फैसला किया.
13 मार्च 2016 को वैलेरी को एक क्लाइंट ने रेप किया था. उसी दिन वैलेरी ने अपने पति के सर में गोली मारकर हत्या कर दी थी. ये पिस्तौल डेनियल ने अपनी गाड़ी में छिपाई थी. इसके बाद वैलेरी ने अपने दोनों बेटों और अपनी बेटी के बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अपने पति की लाश को ठिकाने लगाया था.
वैलेरी को 25 जून 2021 को चार साल की सजा मिली थी लेकिन जनता के जबरदस्त विरोध के बाद उनके तीन सालों को सस्पेंड कर दिया गया था. चूंकि वे पहले ही प्री-ट्रायल डिटेंशन में एक साल बिता चुकी हैं, इसलिए अब वे वापस अपने घर जाने के लिए आजाद हैं. उनकी रिहाई के लिए 7 लाख से अधिक लोगों ने पीटिशन साइन किया था.