अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित इंडियन-अमेरिकन कम्युनिटी कार्यक्रम में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सवाल उठाते हुए कहा कि अमेरिका के पाकिस्तान के साथ संबंध वॉशिंगटन के हित में नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों से न तो कभी पाकिस्तान को फायदा हुआ है और न ही अमेरिका को। उन्होंने कहा कि अब अमेरिका को इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ संबंध रखने से क्या फायदा मिल रहा है। आने वाले समय में दोनों के रिश्ते कितने मजबूत और फायदेमंद हो सकते हैं, इस पर अमेरिका को विचार करना चाहिए। एस जयशंकर का यह बयान अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए दिए गए 3581 के पैकेज की मंजूरी देने के बाद सामने आया है।
ज्ञात हो कि अमेरिका ने आठ सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर यानी की 3581 करोड़ देने की मंजूरी दी थी। पिछले चार में अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली यह सबसे बड़ी मदद है। साल 2018 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली दो अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पर रोक लगा दी थी। अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए दिए गए पैकैज की भारत में काफी आलोचना हुई।
इस मसले पर अमेरिकी सरकार का कहना है कि यह पाकिस्तान की मदद नहीं की है, बल्कि मौजूदा एफ-16 के लिए स्पेयर पार्ट्स की बिक्री है। जबकि अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा था कि अमेरिका की वर्ल्डवाइड पॉलिसी है कि जब वह किसी देश को डिफेंस उपकरण देता है तो अंत तक उसके रखरखाव के लिए बाकी सहयोग भी मुहैया करवाता है।
अमेरिका की सफाई पर एस जयशंकर ने कहा कि अगर आप कहते हैं कि यह कदम आतंकवाद को रोकने के लिए उठाया गया है तो ऐसा कह कर आप किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं, क्योंकि आप एफ-16 जैसे ताकतवर विमान की बात कर रहे हैं। आपको मालूम है कि इन विमानों को कहां तैनात किया जा सकता है और इनसे कितनी बड़ी तबाही मचाई जा सकती है।