बीजिंग | अमेरिका और चीन के बीच जलवायु वार्ता शुरू हो गई। यह वार्ता तीन दिन चलेगी। अमेरिकी जलवायु दूत जॉन केरी और चाइनीज समकक्ष झी झेनहुआ इस मसले पर बढ़ते तनाव के बीच सहयोग करने के तरीकों की तलाश करेंगे। जॉन केरी कल चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचे। यह वार्ता पिछले साल अगस्त से रुकी हुई थी।चीन और अमेरिका दो सबसे बड़े जीवाश्म ईंधन प्रदूषक हैं। दोनों लगभग 40 प्रतिशत ग्रीनहाउस गैस उगलते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि दोनों देश जिस गति से उत्सर्जन में कटौती करेंगे उससे यह तय होगा कि ग्रह जलवायु परिवर्तन के सबसे विनाशकारी परिणामों से बच सकता है या नहीं।
चीन का ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 2021 में एक दशक में सबसे तेज गति से बढ़ा है। अमेरिका, बीजिंग पर कोयला और बिजली को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए दबाव डालना चाहता हैं।अमेरिका का लक्ष्य इस दशक में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 50 प्रतिशत की कटौती करना और 2050 तक वायुमंडल में किसी भी उत्सर्जन को रोकना है। चीन ने कहा है कि उसका उत्सर्जन 2030 तक बढ़ेगा और 2060 तक इसमें भारी कटौती हो जाएगी।