मानवाधिकार परिषद में नहीं हो पाई उइगर मुसलमानों पर चर्चा, ये रही वजह

ब्राजील, मेक्सिको, यूक्रेन और आठ अन्य देशों ने वोटिंग से ही दूर बना ली थी.

Update: 2022-10-07 05:15 GMT

संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा के लिए एक प्रस्ताव लाया गया था. अमेरिका समेत कई देशों की चीन के खिलाफ ये एक संयुक्त कोशिश थी. हालांकि इस वोटिंग में चीन के खिलाफ लाया गया प्रस्ताव गिर गया क्योंकि 19 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोटिंग की, वहीं भारत ने तो इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यानी कि इस स्थिति में चीनी क्षेत्रों में मुस्लिमों की दुर्दशा को लेकर लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में जरूरी वोट नहीं पड़ सके जिसका सीधा फायदा चीन को मिला.

भारत ने क्यों बनाई वोटिंग से दूरी?
यूं तो भारत भी चीन में अल्पसंख्यकों की हालत पर उसे घेरता आया है पर यूएन में हुई वोटिंग में भारत इस मुद्दे पर चीन को घेरने से पीछे हट गया. जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स भारत के इस मूव को जम्मू-कश्मीर से भी जोड़कर देख रहे हैं, जहां पाकिस्तान लगातार मानवाधिकार हनन का आरोप लगाता रहा है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि भारत के शिनजियांग मुद्दे पर वोटिंग में भाग लेने के बाद चीन भी पाकिस्तान के कंधे पर बंदूक रखकर ऐसा ही कोई कदम उठा सकता था. हालांकि भारतीय विदेश विभाग ने वोटिंग में भाग नहीं लेने को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
वोटिंग में कौन रहा किधर?
चीन के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव में कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड आइसलैंड, स्वीडन, ब्रिटेन और अमेरिका एकजुट थे. इसी प्रस्ताव को तुर्की जैसे मुस्लिम देश ने भी अपना समर्थन दिया क्योंकि मुद्दा चीन के उइगर मुसलमानों के साथ अत्याचार से जुड़ा था. लेकिन गुरुवार को UNHRC में इस प्रस्ताव के मसौदे को खारिज कर दिया गया. चीन, पाकिस्तान नेपाल जैसे कई अन्य देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला, वहीं भारत, ब्राजील, मेक्सिको, यूक्रेन और आठ अन्य देशों ने वोटिंग से ही दूर बना ली थी.

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