भारत और मलेशिया के बीच पांच साल में व्यापार तीस प्रतिशत तक बढ़ा है। भारत-मलेशिया के राजनयिक संबंधों के 65 वर्ष पूरे होने पर कुआलालंपुर कन्वेंशन सेंटर में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक करने पर जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम में मलेशिया के विदेश मंत्री दातुक सेरी सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत और मलेशिया के बीच 65 साल के संबंध आधिकारिक द्विपक्षीय संबंधों से पहले के हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों के बीच केवल द्विपक्षीय राजनयिक रिश्ता ही नहीं, बल्कि सभ्यतागत रिश्ता भी है। इन संबंधों ने दोनों देशों के रिश्तों को खास बनाया है।
मलेशिया की 3.3 करोड़ आबादी में से लगभग 23 लाख आबादी भारतीय मूल के लोगों की है। विदेश मंत्री ने इस आबादी को मलेशिया की विकास यात्रा में मददगार बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अब सांस्कृतिक कूटनीति, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्रों में भी सहयोग से काम हो रहा है।
विदेश मंत्री ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच 20 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। जुलाई 2011 में लागू द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग समझौते में सामान के साथ सेवाओं और निवेश को भी शामिल किया गया था। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि साल 2015 से 2020 के बीच, यानी की पांच साल में दोनों देशों के व्यापार में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।