पाक और चीन को जोड़ने वाली सबसे महंगी रेलवे परियोजना पर 57.7 बिलियन डॉलर की लागत आएगी

Update: 2023-04-28 13:21 GMT
इस्लामाबाद (आईएएनएस)| पाकिस्तान और चीन को जोड़ने वाली नई प्रस्तावित रेलवे परियोजना को सबसे महंगी परियोजना माना जा रहा है। इस परियोजना में अनुमानित रूप से 57.7 बिलियन डॉलर की लागत आएगी। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। जियो न्यूज के मुताबिक, ग्वादर पोस्ट को झिंजियांग के काशगर से जोड़ने वाला प्रस्तावित रेलवे स्ट्रटीजिक महत्व रखता है, और इसमें 'व्यापार और भू-राजनीति को नया आकार देने की क्षमता' है।
रेलवे का आकलन करने वाले चाइना रेलवे फस्र्ट सर्वे एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ग्रुप के वैज्ञानिकों ने आग्रह किया कि नई परियोजना का समर्थन किया जाना चाहिए। इसका नेतृत्व पूंजी संचालन के उप निदेशक झांग लिंग ने किया था।
टीम ने कहा कि सरकार और वित्तीय संस्थानों (चीन में) को मजबूत समर्थन प्रदान करना चाहिए। संबंधित घरेलू विभागों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाना चाहिए। समर्थन निधि के इंजेक्शन के लिए प्रयास करना चाहिए और इस परियोजना के निर्माण के लिए मजबूत नीति समर्थन और गारंटी प्रदान करनी चाहिए।
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान को बुनियादी ढांचे से जरूरी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और वह आसानी से चीन के साथ व्यापार करेगा।
रेलवे परियोजना प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्गों के साथ देशों के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगी। अध्ययन में आगे पता चला है कि यह परियोजना पश्चिमी प्रभुत्व वाले मार्गों पर निर्भरता कम करने की योजना का हिस्सा है।
शोधकर्ताओं ने कहा, "इस परियोजना से अधिक रोजगार पैदा होंगे, बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार में वृद्धि की भी उम्मीद है।"
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि बीते वर्ष पाकिस्तान की जीडीपी परियोजना की अनुमानित लागत का केवल 6 गुना थी और इसलिए, वह पर्याप्त वित्तपोषण करने में असमर्थ था।
टीम ने कहा, "ऊर्जा की कमी, खराब निवेश माहौल और राजकोषीय घाटे की वजह से पाक की आर्थिक विकास दर दबाव में आ गई है।"
पाकिस्तान रेलवे निवेश और निर्माण के मामले में पर्याप्त वित्तीय और भौतिक सहायता प्रदान करने में असमर्थ है। पाकिस्तान मुख्य रूप से निवेश और निर्माण के लिए चीनी उद्यमों पर निर्भर है।
जियो न्यूज के अनुसार, इसके अलावा पाकिस्तान में सुरक्षा के मुद्दे भी रेलवे परियोजना में बाधा डाल सकते हैं और चीनी श्रमिकों और निवेशों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं।
--आईएएनएस
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